दादरी की घटना या पाकिस्तानी गायक गुलाम अली के विरोध की घटना गलत है, लेकिन इसमें केंद्र सरकार की क्या भूमिका है? केंद्र ऐसे मामलों में क्या करे? आनंद बाजार पत्रिका को दिए साक्षात्कार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले दिनों हुई सांप्रदायिक घटनाओं और देश में बढ़ रहे सांप्रदायिक माहौल पर खुलकर बात की। उल्लेखनीय है कि विपक्ष समेत देश के कई साहित्यकार प्रधानमंत्री से लगातार इन मुद्दों पर टिप्पणी की मांग कर रहे थे। प्रधानमंत्री की चुप्पी के विरोध में कई साहित्यकारों ने अपने पुरस्कार भी लौटा दिए। पिछले दिनों बिहार के नवादा में एक चुनावी सभा में भी प्रधानमंत्री ने हिंदू और मुस्लिमों को आपस में लड़ने के बजाय गरीबी से लड़ने का संदेश दिया था।