10-08-2021 20:40:51 .
वेबडेस्क।पार्षद दल भारतीय जनता पार्टी ने डस्टबीन ख़रीदी पर महापौर द्वारा दिए गए अनर्गल बयान को गंभीरता से लिया है ! आज भाजपा पार्षद दल एवं नगर मंडल के काफ़ी संख्या में भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ जमकर नारेबाज़ी करते हुये निगम कार्यालय का घेराव किया !एवं महापौर की अनुपस्थिति में महापौर के नाम का पत्र आयुक्त प्रेम कुमार पटेल को सौंपा !
पत्र में महापौर को उनके स्वयं के बयानों का ख़ुलासा करने की माँग की गई है ! गत सामान्य सभा के पश्चात महापौर ने डस्टबिन ख़रीदी पर बयान देते हुए कहा था यह शासन की गाइडलाइन से 7000 रुपया का है, इसमें हमारा कुछ नहीं है ! विपक्ष के पार्षदों ने कहा है कि महापौर को इसका ख़ुलासा करना चाहिए कि मंत्री या शासन के किस अधिकारी के निर्देश पर यह 7 हज़ार रुपया का दर निर्धारित किया गया है ! ब्रांडेड कंपनी का डस्टबीन बाज़ार में 2200 से लेकर 2500 रुपये में उपलब्ध है , आपने अपनी ही सरकार के मुख्यमंत्री या मंत्री से जाकर इसका विरोध क्यों नहीं किया ? यह भ्रष्टाचार शासन के स्तर पर ही फिक्स था तो टेंडर करके जनता को गुमराह करने की क्या आवश्यकता थी।
विपक्षी पार्षद दल ने पूछा है कि महापौर ने डस्टबीन ब्रांडेड “नीलकमल “का बताया है जबकि पार्षद दल ने जो जानकारी जुटायी है,नीलकमल के डिस्ट्रीब्यूटर /डीलर ने प्रदेश में ऐसे किसी भी सप्लाई से इंकार किया है !यह अत्यंत गंभीर मामला है, इसका ख़ुलासा करने की माँग ,पत्र में की गई है !
पत्र के माध्यम से महापौर से जवाब माँगा गया है कि उनके बयान अनुसार सप्लायर नेता प्रतिपक्ष का ख़ास है !यदि यह सत्य है तो महापौर सप्लायर को घटिया सामग्री प्रदाय करने के कारण ब्लैक लिस्ट करने के बजाए उपकृत क्यों कर रही हैं ! जबकि भाजपा पार्षद दल ने दो माह पूर्व ज्ञापन देकर बकायदा उसकी गुणवत्ताहीन होने की जानकारी दी थी तथा माँग की थी कि सप्लायर को ब्लैक लिस्टेड करते हुए तत्काल क्रय आदेश निरस्त करें एवं सम्बंधितों पर दंडात्मक कार्रवाई करें ! आपने सप्लायर के ऊपर कोई कार्रवाई तो नहीं की बल्कि नेता प्रतिपक्ष को क्रय से सम्बंधित फ़ाइल दिखाने से भी रोक दिया ! नेता प्रतिपक्ष ने लगभग दो माह पूर्व सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत शुल्क जमा कर के फ़ाइल देखने माँग की गई थी जो आज तक भी उन्हें नहीं दिखाया गया है ! इससे साफ़ है कि नगर निगम की दाल मैं काला नहीं अपितु पूरी दाल ही काली है !
पत्र में माँग की गई है कि महापौर अपने अनर्गल बयानबाजी का ख़ुलासा करें अन्यथा अपने झूठ और भ्रष्टाचार के लिए जनता से माफ़ी माँगें ।