@मोहम्मद ताहीर खान बीजापुर। नक्सलियो की बीजापुर जेल को निशाना बनाने की योजना उस समय नाकाम हो गई जब समय से पहले इसकी खबर जेल प्रभारी को लगी। नक्सली जेल के करीब एक लम्बे पेड़ के ऊपर मौर्चा बनाकर जेल की गतिविधियों पर नजर रख रहे थे। जेल प्रभारी कुंजलाल सिन्हा के मुताबिक उन्हें 8 नवम्बर की दोपहर जैसे ही सूचना मिली कि जेल के पीछे करीब 22 से 25 फीट एक घने पेड़ के ऊपर नक्सलियो ने मोर्चा बना रखा है।उन्होंने इसकी खबर सीआरपीएफ 168 बटालियन के कमाण्डेट विनय चौधरी दी।इसके बाद सीआरपीएफ के जवान बम स्क्वाड के साथ मौके पर जाकर नक्सलियो के मोर्चे को नष्ट कर किया। इससे नक्सलियों का मंसूबा नाकाम हो गया ।बता दें कि इस जेल में 22 पुलिस स्टेशन के मुलजिम लाये जाते है।वर्तमान में यहाँ 36 नक्सली मामलो के विचाराधीन कैदी निरुद्ध है।पकडे गए सभी नक्सली जिले के सवेदनशील बासागुड़ा, तारलागुडा सारकेगुड़ा,पामेड़, फरसेगड़ जैसे क्षेत्रों से सर्चिंग के दौरान पकड़े गये है।नक्सली किसी बड़ी घटना को अंजाम देने के फिराक में जेल कि रैकी कर रहे थे।पर समय रहते इसका पता लग गया। और नक्सलियों का मंसूबा नाकाम हो गया।उल्लेखनीय है कि वर्ष 2007 में दंतेवाड़ा में जेल ब्रेक कि घटना हुयी थी इसमें 290 कैदी जेल भाग गये थे।जेल के नजदीक ही 168 बटालियन है। कुँजलाल सिन्हा ने बताया कि इस घटना के बाद पुलिस अधीक्षक एम आर अहीरे ने भी जेल का निरीक्षण किया । इस घटना कि जानकारी आला अधिकरियो को भी दे दी गयी है।बीजापुर जेल में अतिरिक्त सुरक्षा बल एव सीसीटीवी फूटेज कि व्यवस्था करने के लिये जेल महानिदेशक को पत्र लिखा गया है । (जेल में पर्याप्त सीसीटीवी नहीं) बीजापुर जेल में इन दिनों सीसीटीवी कैमरा भी नाममात्र है। जेल परिसर के सामने ही सीसीटीवी लगाया गया है। जबकि क्षेत्र की संवेदनशीलता को देखते हुए जेल के चारों ओर सीसीटीवी कैमरा की सुविधा होनी चाहिए। इससे जेल के आसपास होने वाली गतिविधियों पर नजर रखी जा सकती है।