25-05-2021 20:15:48 .
जगदलपुर। आज प्रदेश कांग्रेस सरकार द्वारा बस्तर विश्व विद्यालय का नामकरण स्व.महेंद्र कर्मा जी के नाम से किया गया है,25 मई झीरम हमले में शहीद सभी नेताओं को मैं विनम्र श्रद्धाजंलि अर्पित करता हूँ। बस्तर विश्व विद्यालय का नाम बस्तर के नाम से अपनी समृद्ध परंपरा व गौरवशाली संस्कृति के लिए विश्व प्रख्यात है। इस नाम से किसी को कोई आपत्ति भी नही हैं।पूर्वर्ती भाजपा शासनकाल में स्व. बलिराम कश्यप जी के अथक प्रयासों से बस्तर में उच्च शिक्षा के विस्तार हेतु पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंग ने विश्वविद्यालय की स्थापना की थी। किंतु प्रदेश कांग्रेस सरकार ने अपने ढाई वर्षों के कार्यकाल में बस्तर संभाग में शैक्षिक व स्वास्थ्य के क्षेत्र में विकास के नाम पर एक नीव का पत्थर भी नही रख पाई।पुराने संस्थानों का नाम बदलकर स्व. महेंद्र कर्मा जी के नाम से रखना उनके शहादत का बहुत बड़ा अपमान है। स्व.महेंद्र कर्मा जी बस्तर के बड़े आदिवासी नेता रहे हैं हम उनके शहादत का सम्मान करते हैं। बस्तर विश्व विद्यालय के विकास के लिए अभाविप के माध्यम से लंबी लड़ाई मैंने लड़ी हैं, चाहे वह बस्तर विश्व विद्यालय के पूर्व कुलपति के बर्खास्त की बात हो या संपूर्ण अधोसंरचना विकास हो,इसीलिए मैं यह कहने से नहीं हिचकुंगा कांग्रेस ने विश्वविद्यालय के विकास के लिये एक भी कार्य इन ढाई वर्षों में नही किया है यह दुःखद व गंभीर है,कांग्रेस नाम बदलकर अपनी कुंठित मानसिकता को स्वंय उजागर कर रही हैं।भाजपा की निवर्तमान सरकार ने दंतेवाड़ा महिला महाविद्यालय का नाम स्व. महेंद्र कर्मा जी के नाम पे करके उनको समस्त बस्तर वासियों के ओर से श्रद्धाजंनलि अर्पित की थी।किसी नये संस्थान का निर्माण कर कांग्रेस को स्व. महेंद्र कर्मा जी का नाम रखना चाहिए तब उनको कांग्रेस की सच्ची श्रद्धांजलि होगी।हम उसका स्वागत करेंगें।झीरम कांड विश्व के सबसे बड़ी राजनीतिक घटना हैं जिसमें स्व. कर्मा जी समेत प्रदेश कांग्रेस के शीर्ष नेताओं ने नक्सल घटना में अपनी शहादत दी हैं मगर कांग्रेस सरकार बनने के ढाई वर्षों के बाद भी झीरम में भव्व स्मारक का निर्माण कर कांग्रेस सरकार ने अपने नेताओं को सच्ची श्रद्धांजलि नही दे पाई है,इसके अलावा कांग्रेस इनकी स्मृति में कोई विशेष कार्य प्रदेश में नहीं कर पाई है अपने दायित्व से मुंह छुपाने नामकरण की ओछी राजनीति कांग्रेस कर रही हैं।यह सरासर गलत हैं।