25-05-2021 15:03:39 .
जगदलपुर। कोविड-19 के दिशा निर्देशों और गाइडलाइन का पालन करते हुए शहर कांग्रेस कमेटी द्वारा स्थानीय कांग्रेस भवन महेंद्र कर्मा चौक व शहीद स्मारक में गरिमा व सादगी के साथ झीरम श्रद्धांजलि दिवस मनाया उसके पश्चात झीरम हमले में शहीद कद्दावर नेताओं की शहादत को याद कर जिलाध्यक्ष राजीव शर्मा,संससदीय सचिव व विधायक रेखचन्द जैन, क्रेडा अध्यक्ष मिथिलेश स्वर्णकार, महापौर सफीरासाहू,सभापति कविता साहू सहित अन्य जनप्रतिनिधियों व स्थानीय पदाधिकारियों सहित सेवादल,महिला कांग्रेस,युवा कांग्रेस व एनएसयूआई सहित प्रकोष्ठों व विभागों के पदाधिकारियों की उपस्थिति में शहीद कद्दावर नेताओं, सुरक्षा जवानों और अन्य शहीदों के छायाचित्र में माल्यार्पण व पुष्पांजलि अर्पित कर भावभिनी श्रद्धांजलि दी गई।
तत्पश्चात उनकी जीवनी पर प्रकाश डालते हुए जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष राजीव शर्मा ने कहा कि 25 मई 2013 को दिग्गज कांग्रेस नेता परिवर्तन यात्रा के काफिले को लेकर सुकमा से लौट रहे थे उस दौरान एक बड़े घटनाक्रम को अंजाम देने के लिए बड़ी संख्या में माओवादी इस घाटी में घात लगाकर बैठे थे जैसे ही कांग्रेस का काफिला दरभा के झीरम घाटी में पहुंचा उसी दौरान माओवादियों ने घटनाक्रम को अंजाम दिया जिसमें वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं सहित 29 लोग शहीद हुए थे इस विभत्स हत्याकांड में कांग्रेस ने अपनी पहली पंक्ति के नेताओं को खोया था इस जनसंहार ने देश ही नही पूरी दुनिया को बस्तर के माओवाद की हिंसक तस्वीर दिखाई थी आज भी उस भयावह घटनाक्रम को याद कर सिहर उठते हैं लगभग 8 साल पहले आज ही के दिन लाल हुआ था झीरम, वो मंजर याद कर होती है सिहरन, छत्तीसगढ़ ही नहीं देश को हिला कर रख दिया था वह घटना है झीरम घाटी की, जहाँ आज ही के दिन ऐसा खूनी खेल खेला गया था जिसमें प्रदेश कांग्रेस कमेटी के दिग्गज नेताओं, सुरक्षा जवान और आम लोगों सहित करीब 29 लोगों की शहादत हुई थी उनके त्याग तपस्या व बलिदान को याद कर उनके बताये मार्ग पर चलना ही उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि होगी हम उन्हें शत् शत् नमन करते है।
संसदीय सचिव और विधायक रेखचन्द जैन ने कहा कि लाल आतंकी ऐसी हिंसा जिसने छत्तीसगढ़ी नहीं देश को हिला कर रख दिया था वह घटना है झीरम घाटी की, जहां आज ही के दिन माओवादियों ने ऐसा खूनी खेल खेला था जिसमें बस्तर टाइगर महेंद्र कर्मा सहित प्रदेश कांग्रेस कमेटी के दिग्गज नेता एवं पुलिस जवानों ने अपने प्राणों की आहुति दी थी वह मंजर आज भी दिलो-दिमाग में एक भयावह दृश्य की तरह बसा हुआ है जब जब उस मंजर को याद किया जाता है तो रूह कांप उठती हैं ऐसा नरसंहार मैंने कभी अपनी जिंदगी में नहीं देखा कांग्रेसी होने के नाते मैं खुद परिवर्तन यात्रा में शामिल था किसकी नजर लगी थी कि एक झटके में कांग्रेस ने अपने सारे कद्दावर नेताओं को खो दिया था विधानसभा की तैयारी में जुटी कांग्रेस का फोकस बस्तर में था यही वजह थी कि प्रदेश में परिवर्तन यात्रा की शुरुआत सुकमा से हो रही थी प्रदेश की सियासत में लम्बे अर्से बाद ऐसा समय आया था जब कांग्रेस के सभी दिग्गज नेता एक साथ नजर आ रहे थे दिल दहला देने वाली घटना को देख मैं सन्न रह गया कांग्रेस ने उस घटना में बहुत बड़ी कीमत चुकाई जिसकी भरपाई कभी नही हो सकती,प्रदेश के शहीद दिवंगत नेताओं के अधूरे कार्यो को पूरा करना ही कांग्रेस का लक्ष्य है।
महापौर सफीरा साहू, सभापति कविता साहू ने कहा कि झीरम घाटी नरसंहार की आज 8वीं बरसी है कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा के काफिले पर बस्तर के झीरम घाटी में माओवादियों ने हमला किया था उस घटना में शहीद हुए दिवंगत नेताओं की याद में ही शहीद दिवस मनाया जाता हैं आज ही के दिन हमारे बस्तर सहित प्रदेश के कई कद्दावर नेता शहीद हुए थे जिन्होंने पार्टी और प्रदेश के लिए सेवा भाव से राजनीति में प्रदेश से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक अपने आप को स्थापित किया था दिवंगत नेताओं ने प्रदेश में कांग्रेस सरकार की पुनः वापसी तथा सत्ता परिवर्तन के लिए जो मेहनत और परिश्रम किया था जिसकी बदौलत छत्तीसगढ़ में खुशहाली है प्रदेश के दिवंगत नेताओं के त्याग तपस्या और बलिदानों को याद कर जनहित में सेवाभाव की राजनीति कर प्रदेश की अमन शांति व तरक्की के लिए अपना कर्तव्य व दायित्व का निर्वहन पूरी निष्ठा व ईमानदारी से करे यही उन्हें हमारी सच्ची श्रद्धांजलि होगी।