12-05-2021 15:44:25 .
जगदलपुर। कोविड महामारी के बीच नर्स-डाक्टर्स ही हर देश में रीयल योद्धा के रूप में सामने आए हैं। बुधवार को 'इंटरनेशनल नर्स दिवस' है इस अवसर पर चेम्बर भवन में नर्सो के प्रति सम्मान व्यक्त किया गया और फ़्लोरेन्स नाइटिंगेल को याद किया गया चेम्बर भवन में उपस्थित लोगो ने यहां वैक्सिनेशन के कार्य मे जुटी सभी नर्सो का ताली बजा कर व पुष्पगुच्छ भेंट कर सम्मान किया और कोरोना महामारी के दौर में उनके द्वारा किये जा रहे कार्यो के प्रति आभार व्यक्त किया। चेम्बर की ओर से शेखर मालू ने वरिष्ठ नर्स का पुष्पगुच्छ से सम्मान किया। चेम्बर अध्यक्ष किशोर पारेख ने बताया कि इस महामारी के दौरान चिकित्सीय स्टाफ ने अपना सब कुछ झोंका हुआ है। इनमें नर्स बेहद अहम भूमिका निभा रही हैं। नर्स एक मां, एक बहन के रूप में मरीजों की सेवा करती हैं। इस रिश्ते को बखूबी निभाने के कारण इन्हें सिस्टर का उपनाम दिया गया है। नर्स अपनी जान जोखिम में डालकर मरीजों का इलाज करती है। वह अपने घरों से दूर, परिवार से दूर रहकर दिन और रात अपनी ड्यूटी पूरी निष्ठा और ईमानदारी के साथ कर रही हैं।
आपको बता दे पूरी दुनिया भर में हर साल 12 मई को फ़्लोरेन्स नाइटिंगेल के जन्मदिन को ‘अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। "लेडी विद द लैंप" के नाम से मशहूर फ्लोरेंस नाइटिंगेल लालटेन लेकर सभी सैनिकों की निस्वार्थ भाव से सेवा की थी और इसी वजह से उन्हें "लेडी विद द लैंप" के नाम से संबोधित किया जाता है। फ्लोरेंस नाइटिंगेल ने साल 1860 में सेंट टॉमस अस्पताल और नर्सों के लिए नाइटिंगेल प्रशिक्षण स्कूल की स्थापना की थी। जनवरी 1974 में फ्लोरेंस नाइटिंगेल की याद और सम्मान में 12 मई को अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस मनाए जाने का प्रस्ताव यूएस में पारित हुआ था इस लिए 12 मई को अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस मनाया जाता है।