20-03-2021 16:31:16 .
वेबडेस्क। रायपुर विशाखापटनम एक्सप्रेस वे के विषय में केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने आधी अधूरी जानकारी के आधार पर सदन में वक्तव्य दिया है आश्यर्च की बात है कि अपने विभाग के परियोजना के विषय में स्वयं मंत्री महोदय अधूरी जानकारी रखते है ।केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री माननीय नितिन गडकरी ने आज सदन में रायपुर- विशाखापटनम एक्सप्रेस वे के विषय जानकारी देते हुए सदन को बताया कि - एक्सप्रेस वे की कुल लागत 26 हजार करोड़ है जबकि इसके पहले माननीय ने परियोजना की लागत 15 हजार करोड़ बताते हुए 5 हजार करोड़ छत्तीसगढ़ में व्यय करने की बात की थी ।
गडकरी जी ने आज सदन में बताया कि इस परियोजना से छत्तीसगढ़ समेत उड़ीसा, आंध्रप्रदेश और कुछ फायदा महाराष्ट्र को होगा । रेल्वे जाम के कारण विशाखापटनम पोर्ट का माल रायपुर नहीं आ पाता इसलिए इस सड़क को बनाया जा रहा है ।
माननीय नितिन गडकरी जी को इतना तक नहीं मालूम कि यह एक्सप्रेस वे महाराष्ट्र में किसी और से भी नहीं का रहा है ।
माननीय मंत्री जी को इस बात की चिंता है कि विशाखापटनम पोर्ट का माल रायपुर नहीं आ पाता इसलिए इस एक्सप्रेस वे का निर्माण किया जा रहा है जबकि करोड़ों अरबों का लोहा बस्तर से विशाखापटनम पोर्ट के माध्यम से विदेश जा रहा है और उस के बदले बस्तर को सिर्फ उपेक्षा ही मिली है इस बात का की कोई चिंता नहीं मंत्री जी को नहीं है।सोचने वाली बात है कि देश के केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री को ही अपने परियोजना के विषय में ही आधी अधूरी जानकारी है । छत्तीसगढ़ उड़ीसा आंध्रप्रदेश से जाने वाली सड़क को वो महाराष्ट्र की तरफ मोड़ रहे है और कभी परियोजना को 15 हजार करोड़ तो कभी 26 हजार करोड़ की बता रहे हैं। गौर करने वाली बात है कि जब माननीय मंत्री महोदय का स्वयं की परियोजना के विषय में ऐसा रवैया है तो जाहिर सी बात है कि माननीय मंत्री महोदय की जानकारी इस विषय में भी नहीं होगी की वर्तमान रायपुर विशाखापटनम हाईवे जगदलपुर से होकर गुजरता है और 2013-14 में ही जगदलपुर से धमतरी तक फोरलेन बनाने के उद्देश्य से सड़क के दोनों ओर 15 मीटर भूमि का अधिग्रहण किया जा चुका है और यदि इस ओर से रायपुर- विशाखापटनम एक्सप्रेस वे का निर्माण किया जाता है तो इस पूरी परियोजना की लागत को कई सौ करोड़ रुपए कम किया जा सकता है ।
इस परियोजना के विषय में बताया गया था कि कुरूद, दिधली, लीखमा, बोरीगुमा के तरफ से एक्सप्रेस वे निर्माण होने से रायपुर से विशाखापटनम की दूरी 163 की· मी· कम हो जाएगी जो कि भ्रम मात्र है यदि इस एक्सप्रेस वे का निर्माण जगदलपुर की तरफ पुराने हाईवे से किए जाने से सिर्फ 50 से 60 की· मी· का ही अंतर आयेगा ।
डेढ़ साल में परियोजना का पूरा होना असंभव
माननीय मंत्री महोदय पूरे सदन को दिग्भ्रमित करते हुए कहा कि परियोजना को डेढ़ वर्षों में पूरा कर लिया जाएगा जो कि माननीय की कोरी कल्पना मात्र है जबकि प्रोजेक्ट में अब तक कोई कार्य प्रारंभ नहीं किया गया है इस प्रकार सदन के माध्यम से पूरे देश को दिग्भ्रमित करना एक गैरजरूरी कार्य है ।
परियोजना का उद्देश्य गलत साबित कर रहे केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी
जनवरी 2020 में नितिन गडकरी ने ग्रीन फील्ड इकोनॉमी कॉरिडोर के उद्देश्य के विषय में बताते हुए कहा था कि घनी आबादी से बचने और जमीन सस्ते में अधिग्रहण करने के लिए ग्रीन फील्ड इकोनॉमी कॉरिडोर को दूरदराज के इलाकों में बनाया जाता है ताकि पिछड़े इलाकों के लोगों के लिए लिए नए आर्थिक अवसर प्रदान किए जाए।
यदि केंद्रीय मंत्री जी की बात मानी जाए तो यह योजना पैसे के बचत और विकास के उद्देश्य से बनाई जा रही है इस लिहाज से जगदलपुर और धमतरी के बीच फोर लेन सड़क निर्माण के उद्देश्य से भूमि का अधिग्रहण 2013-14 में ही किया का चुका है और अब इसी मार्ग पर रायपुर विशाखापटनम एक्सप्रेस वे का निर्माण किया जाना चाहिए । इसके अलावा एक्सप्रेस वे के निर्माण का उद्देश्य पिछड़े इलाकों में रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाना है तो इस लिहाज इस सड़क का निर्माण का कांकेर कोंडागांव जगदलपुर की ओर से किया जाना चाहिए ।
इस परियोजना को हर हाल में एनएच 30 से बनाया जाना चाहिए इसके लिए बस्तर के युवा बड़े से बड़े आंदोलन से पीछे नहीं हटेंगे ।