07-03-2021 17:40:12 .
जगदलपुर। भारत सरकार के राजमार्ग मंत्रालय ने भारतमाला परियोजना के तहत ग्रीन फील्ड इकोनॉमिक कॉरीडोर रायपुर-विशाखापट्टनम एक्सप्रेस-वे परियोजना की मंजूरी दी है। किन्तु संभाग के मुख्यालय को ही इसमें शामिल नहीं किया गया। बस्तर के विकास के मुद्दों पर मुखर रहने वाले युवा नेता साकेत शुक्ला ने एक्सप्रेस-वे के मुद्दे को लेकर सांसद दीपक और जगदलपुर विधायक रेखचंद जैन को ज्ञापन सौंपा है। साकेत शुक्ला ने बताया कि भारत माला ग्रीन फ़ील्ड इकोनॉमी प्रोजेक्ट के तहत रायपुर - विशाखापटनम एक्सप्रेस वे को केंद्रीय बजट में मंज़ूरी मिल चुकी है एवं आगामी दिनों में इस प्राजेक्ट का निर्माण किया जाना है यह प्रोजेक्ट जगदलपुर रायपुर नेशनल हाईवे क्रमांक 30 के समानांतर छत्तीसगढ़ के रायपुर धमतरी दिधली कुरूद लिखमा से उड़ीसा के उमरकोट से होते हुए विशाखापटनम की ओर जा रहा है । पंद्रह हजार करोड़ की लागत से बनने जा रहे इस प्रोजेक्ट में पांच हजार करोड़ छत्तीसगढ़ में व्यय किया जाएगा ।
एनएचएआई के द्वारा वर्ष 2013-14 में ही रायपुर - जगदलपुर फोर लेन निर्माण के उद्देश्य से जगदलपुर से धमतरी एनएच 30 में सड़क के दोनों ओर करीब पंद्रह मीटर किसानों की भूमि का अधिग्रहण किया था लेकिन इस सड़क में फोर लेन सड़क का निर्माण ना कर केवल तीन मीटर सड़क चौड़ी करते हुए टू लेन सड़क का ही निर्माण किया है। कुरूद से डिधली लिखमा नगरी बोरई का पूरा मार्ग सितानदी वाइल्ड लाइफ सेंचुरी से होकर जा रहा है यदि इस मार्ग में फ़ोर लेन सड़क का निर्माण किया जाता है तो इस वाइल्ड लाइफ़ सेंचुरी के लाखों पेड़ों का काटा जाएगा जिससे पर्यावरण और जंगली जीवों का भारी नुक़सान होगा ।
रायपुर से धमतरी फ़ोर लेन सड़क निर्माण का कार्य पहले से ही गतिमान है एवं एनएचएआई के द्वारा वर्ष 2013-14 में ही रायपुर - जगदलपुर फोर लेन निर्माण के उद्देश्य से जगदलपुर से धमतरी एनएच 30 में सड़क के दोनों ओर करीब पंद्रह मीटर किसानों की भूमि का अधिग्रहण किया जा चुका है । ज्ञापन सौंपने के दौरान संदीप जोशी , प्रकाश सथपथी, शिव शुक्ला, संदीप सिंह, सूरज श्रीवास्तव मौजूद रहे ।