@मोहम्मद ताहीर खान बीजापुर।भैरमगढ़ ब्लॉक के अतिसंवेदनशील रानीबोदली में आंगनबाड़ी केन्द्र की हालत दयनीय बनी हुई है। विभाग के अधिकारी सालो से केन्द्र का मुआयना करने नहीं पहुंचे है। यहाँ आंगनबाड़ी केंद्र में सत्रह बच्चें है।जब केंद्र का जायजा लिया गया तो दो बच्चें बीमार थे ।जिन्हें कुटरू के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में इलाज के लिये ले जाया गया था।यहाँ पदस्थ कार्यकर्ता से जानकारी लेने पर उसने बताया की महीने में एक बार ही स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी पहुँचते है। आगनवाड़ी केन्द्र में बच्चों को अमृत दूध भी दिया जाना है पर बच्चों को आज तक दूध की एक घूंट भी विभाग द्वारा नहीं दिया जा सका है। ऐसे में ये कहना गलत नहीं होगा की बच्चें कैसे पोषित होंगे । साथ ही भवन का रँग रोगन तो किया गया है।पर बच्चों के खाने के लिये थाली तक में छेद है। 17 बच्चों के लिए केन्द्र में 7 थाली ही मौजूद है। जब आधे बच्चें पूरक पोषण आहार ग्रहण करते है तो बाकी बच्चें खाने वाले बच्चों का मुँह ताकने विवश रहते है। (खिलौनों के नाम पर बस अवशेष बचे है ) आंगनबाड़ी केन्द्रों में बच्चों को आकर्षित करने के लिये विभाग द्वारा खिलौने दिये जाने है।किन्तु यहाँ पर खिलौनों के नाम पर महज खिलौनों के अवशेष ही बाकी है।इससे बच्चें खेल भी नहीं पा रहे है। (किचन शेड तक नहीं केन्द्र में )- बच्चों को कुपोषण से बचाकर पोषित करने के लिये पूरक पोषण आहार दिया जाना है पर यहाँ किचन शेड तक नहीं है सहायिका ने अपने मेहनत से किचन शेड बनाया है तब जाकर कहीं बच्चों के लिये भोजन तैयार हो पा रहा है। विभाग को इससे कोई सरोकार नहीं दिखता।ध रातल की सच्चाई से अधिकारी वाकिफ नहीं है।