@मोहम्मद ताहीर खान बीजापुर। जिले के संवेदनशील गाँव उसूर में संचालित पोटा केबिन में अव्यवस्था का आलम छाया हुआ है। संस्था में बच्चें बीमार पड़े है और जिम्मेदार अधीक्षक नदारद है। अनुदेशकों के भरोसे एक सप्ताह से संस्था संचालित हो रही है। उसूर पोटा केबिन में अनिमितता की मिल रही शिकायत के बाद पत्रकारों की टीम जब उसूर पोटा केबिन पहुंची तो संस्था में सन्नाटा पसरा रहा। पोटा केबिन का जायजा लेने पर अलग अलग कमरों में चार बच्चें बीमार होकर सोये हुए मिले। संस्था में मौजूद अनुदेशकों से पता करने पर उन्होंने बताया कि बच्चों को बुखार हुआ है। दवा दे दी गई है। वही अधीक्षक आनंद राव यालम पिछले शनिवार से संस्था नदारद है।उसने छुट्टी का आवेदन खंड शिक्षा कार्यालय में न देकर संस्था में ही छोड़ गया है। अधीक्षक के इस तरह के गैर जिम्मेदाराना रवैय्ये से बीईओ बीआरसी भी नाराज दिखे। (चार टायलेट के भरोसे सैकड़ो बच्चें) उसूर पोटा केबिन में गुरुवार के दिन 200 बच्चें उपस्थित थे।बच्चों के लिए यूँ तो पोटा केबिन में 24 शौचालय बनाये गए है। लेकिन हकीकत में यहाँ महज 4 शौचालय में ही काम चलाया जा रहा है।जबकि 20 शौचालय जीणक्षीण अवस्था में है। (कलेक्टर के आदेश पर भी अमल नहीं ) पोटा केबिन में पढने वाला आठवी क्लास के छात्र राजेश मोडियम से बात करने पर उसने बताया कि यहाँ माह में एक बार ही बच्चों को चिकन परोसा जाता है। वही सप्ताह में एक बार अंडा खिलाया जाता है। जबकि कलेक्टर ने हर बुधवार अंडा और हर रविवार को चिकन खिलाने का आदेश दिया है।बावजूद अधीक्षक बच्चों के निवाला पर ही डाका डालने में आमदा है। इधर बीआरसी रैमन दास झाड़ी ने बताया कि वे सोमवार को राष्ट्रीय उपलब्धता आंकलन की तैयारी के लिए उसूर गये थे। यहाँ पहुँचने पर पता चला कि अधीक्षक आनंद राव यालम बाहर गए है। उनकी छुट्टी की भी जानकारी बीआरसी को नहीं है।