जगदलपुर। एनएमडीसी के नगरनार इस्पात संयंत्र का अगर निजीकरण किया जाता है तो छत्तीसगढ़ सरकार नगरनार इस्पात संयंत्र को खरीदेगी. छत्तीसगढ़ विधानसभा के आखरी दिन नगरनार में बनने वाले इस्पात संयंत्र के निजीकरण मामले पर सर्वसम्मति से शासकीय संकल्प पारित किया गया. इस मुद्दे पर चर्चा के दौरान बस्तर जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष राजीव शर्मा ने बताया कि बस्तर के आदिवासियों ने इस सार्वजनिक उपक्रम के लिए अपनी जमीनें दी हैं परिसंपत्तियों को बेचने का काम केंद्र सरकार कर रही है जो कि न्याय संगत नहीं बीते 2 सालों में राज्य की भूपेश सरकार बस्तर के आदिवासियों का विश्वास जीतने का कार्य कर रही है चाहे जमीन लौटाने की बात हो,चाहे तेंदूपत्ता बोनस देने की बात हो, चाहे नौकरी देने की बात हो यही वजह है कि बस्तर में नक्सली पॉकेट भी सिमट गए हैं। भाजपा के लोगो को यह बात साफ करनी चाहिए कि वे बस्तर के आदिवासियों के साथ हैं या केंद्र सरकार के साथ,नगरनार इस्पात संयंत्र छत्तीसगढ़ सरकार खरीदेगी। शर्मा ने बताया कि नगरनार इस्पात संयंत्र राज्य सरकार चलाएगी इसे निजी हाथों में नहीं दिया जाएगा छत्तीसगढ़ के बस्तर में यह संयंत्र अभी शुरू भी नहीं हुआ और केंद्र सरकार ने इसके विनिवेश को मंजूरी दी है बस्तर के बैलाडीला का बड़ा हिस्सा आयरन ओर से भरा है यहां से आयरन ओर का उत्खनन होता है जिससे देश के कई उद्योग चलते हैं बस्तर सहित छत्तीसगढ़ की मांग है कि स्थानीय स्तर पर यह संयंत्र लगे जिसका फायदा राज्य के लोगों को ही मिले एनएमडीसी ने नगरनार में बीस हजार करोड़ रुपये का संयंत्र लगाया तब उम्मीद थी कि राज्य को इसका फायदा अवश्य होगा लेकिन केंद्र सरकार ने किन उद्देश्यों के लिए इसका विनिवेश किया यह समझ से परे है शर्मा ने कहा कि सरकार ने उदारता के साथ जमीन का अधिग्रहण किया था बस्तर के लोगों ने भी उम्मीद के साथ लालआतंक वाले इलाके में इसकी सहमति दी थी लोगों ने पब्लिक सेक्टर के संयंत्र के लिए इसकी मंजूरी दी थी उद्योग के लिए 610 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया गया था इसमें से केवल करीब 100 हेक्टर जमीन का ही हस्तांतरण एनएमडीसी को किया गया है शेष जमीन अब भी राज्य सरकार के अधीन है पब्लिक सेक्टर के लिए नगरनार संयंत्र को तमाम तरह की मंजूरी दी गई थी ना कि निजी सेक्टर के उद्योग के लिए अनुमति दी गई उन्होंने कहा कि यह इलाका पेशा कानून से प्रभावित है स्थानीय आदिवासी यदि इस निजी करण का विरोध करेंगे तो शासन के लिए भी मुमकिन नहीं हो पाएगा बस्तर में समानांतर सरकार चल रही है बावजूद इसके स्थानीय स्तर के युवाओं को बेहतर की उम्मीद है आज यदि सार्वजनिक क्षेत्र के कारखानों को निजी हाथों में दे दिया गया तो बस्तर का शांत वातावरण बिगड़ने में वक्त नही लगेगा कांग्रेस की भूपेश सरकार वहां की श्रम संपदा को सीधे रोजगार से जोड़ना चाहती हैं जिससे यहां के लोगों को फायदा मिले निजीकरण को रोकना बस्तर की नैसर्गिक वातावरण को बचाने के लिए बेहद जरूरी है बस्तर का जनजीवन बेहद आंदोलित है यदि उनका सपना टूटा तो केंद्र सरकार के लिए भी निपटना आसान नहीं होगा राज्य की भूपेश सरकार इसके लिए जो कदम उठा रही है वह सराहनीय और साहसिक है हम सरकार के निर्णय और फैसलों का दिल की गहराईयों से सराहना करते हैं कि राज्य के संवेदनशील यशस्वी मुख्यमंत्री माननीय भूपेश बघेल जी की दूरदर्शिता ने राज्य की खुशहाली समृद्धि और उन्नति के लिए जो ठोस व क्रांतिकारी कदम उठाया हैं वह निश्चित ही आने वाले समय में मील का पत्थर साबित होगा शर्मा ने कहा कि बस्तर के युवाओं का सपना था कि वहां नगरनार इस्पात संयंत्र बनेगा यह सपना आज समाप्त होने के कगार पर है संयंत्र लगने से पहले ही से बेचने की तैयारी की जा रही है यह सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी है इसमें केंद्र सरकार का एक भी पैसा नहीं लगा है डी-मर्जर के इस प्रस्ताव पर केंद्र सरकार की दी गई मंजूरी से बस्तर के लाखों आदिवासियों की उम्मीदें पर गहरा धक्का लगेगा छत्तीसगढ़ इस बात से उत्साहित था कि राज्य के संसाधन से राज्य के लोगों का विकास होगा लेकिन केंद्र की नियत से साफ जाहिर है कि चंद उद्योग पतियों को लाभ पहुंचाने के लिए मोदी सरकार किसी भी स्तर तक जा सकती है मगर हम जानते है राज्य की भूपेश सरकार राज्य सहित बस्तर के अहित नही होने देगी। क्योंकि भूपेश है तो भरोसा है।