17-09-2020 13:00:49 .
जगदलपुर। कोरोना संकट से निजात दिलाने के लिए सैंपल जांच रिपोर्ट में हो रही देरी के चलते समय पर इलाज नहीं हो पा रहा है। आरटीपीसीआर रिपोर्ट में हो रही देरी से ऐसे सवाल खड़े हो रहे है। कुछ मामले ऐसे है जहाँ मरीजो की रिपोर्ट तीन से पांच दिनों में आ रहे है तो वही कुछ मरीजो की रिपोर्ट छः से आठ दिनों बाद भी नही मिल पा रही है। ऐसे में मरीज पॉजिटिव होगा भी तो वह अपनी इम्युनिटी की बदौलत ठीक हो गया होगा या फिर उससे कितने लोग संक्रमित हुए होंगे लोग के मन मे कुछ ऐसे ही सवाल आ रहे है मेकॉज के माझक्रोबायोलॉजी डिपार्टमेंट में हर दिन 14 सौ सैंफ्ल के कोरोना टेस्ट करने की क्षमता है। चूंकि अभी कोरोना की जांच के लिए सबसे विश्वनीय आरटीपीसीआर जांच को माना जा रहा है। ऐसे में लोग बड़ी संख्या में आरटीपीसीआर जांच करवा रहे हैं लेकिन माझक्रोबायोलॉजी लैब से संदिग्ध मरीजों को जांच रिपोर्ट तीन से पांच दिनों बाद मिल रही है। यह देरी क्यों हो रही है इसका जवाब देने वाला कोई नहीं है ।