जगदलपुर। मुस्लिम समाज के सदस्यों ने शादियों में होने वाले फिजूल खर्ची को रोकने और सामाजिक नियमों के चलते अब एक बड़ा और सार्थक निर्णय लिया है। शुक्रवार को समाज ने घोषणा कर दी है कि अब समाज के अंदर आयोजित होने वाले शादियों में बैंड, बाजा,और डीजे पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगा। इसके अलावा शादियों में आतिशबाजी करने पर भी रोक लगाई है। समाज के सदस्यों ने शादी में फिजूलखर्ची और सामाजिक मान्यताओं के हिसाब से यह निर्णय लिया है। शहर काजी मौलाना इस्लाम बख्स साहब ने बताया कि शादियों में होने वाली फिजूल खर्ची को रोकने के लिए यहा निर्णय लिया गया है। उन्होंने बताया कि हर शादी में आतिशबाजी और बैंडबाजे पर औसता 30 से पचास हजार खर्च आता है। इससे ध्वनि और वायु प्रदुषण भी होता है। वहीं बैंड बाजे और आतिशबाजी का ट्रेंड होने से गरीब तबके के लोग मजबूरी में इन चीजों का एहतमाम करते है। ऐसे में शहर की सभी मस्जिदों के मौलानाओं ने मिलकर यहा निर्णय लिया है। इधर मुस्लिम समाज के इस नए निर्णय का समाज के सदस्यों ने स्वागत किया है। इसके अलावा समाज के सदस्यों ने मांग की है कि शादियों में फिजूल खर्ची रोकेने की कवायद के साथ ही साथ समाज से ऐसे लोगों को भी बाहर किया जाए जो शराबखोरी और ब्याजखोरी का कारोबार करते हैं। समाज के सदस्यों ने बताया कि इस्लाम में ये दोनों काम हराम हैं।