05-06-2018 15:52:09 .
जगदलपुर। प्रदेश के अलग-अलग नर्सिंग कॉलेजों में दाखिले को लेकर हुए घोटालों की आंच अब जगदलपुर के सरकारी नर्सिंग कॉलेज तक पहुंच गई है। यहां फर्स्ट इयर में पढ़ाई करने वाले 58 छात्राओं के नतीजे यूनिवर्सिटी ने रोक दिए हैं। इन छात्राओं का दोष सिर्फ इतना है कि इनके क्लास टीचर ने इनके एनवायरमेंट के फार्म पर गलत तारीख लिख दी थी, जबकि सभी छात्रओें के दाखिले सही समय और नियमों के हिसाब से हुए थे। छात्राओं के दाखिले को लेकर कॉलेज प्रबंधन ने भी अपनी ओर से सारे दस्तावेज और तथ्य विश्वविद्यालय को उपलब्ध करवाए और इन तथ्यो को मानते हुए युनिवर्सिटी ने मुख्य परीक्षा के एक दिन पहले छात्राओं को पर्चे देने की अनुमति भी दे दी। अब अचानक ही छात्राओं के नतीजे रोक दिए गए हैं इन्हें अभी वार्षिक परीक्षाओं के नतीजे नहीं मिले है और यूनिवर्सिटी ने पूरक परीक्षा की तारिख भी तय कर दी है। ऐसे में अब छात्राएं और कॉलेज प्रबंधन हड़बड़ा रहे हैं। छात्राएं अपने नतीजे जारी करवाने कलेक्टर व अन्य अफसरों के चक्कर काट रहीं है।
यहां हुई चूक जिस वजह से जगदलपुर नर्सिंग कॉलेज की छात्राओं के रिजल्ट रोक दिए
सरकारी नर्सिंग कॉलेज में दाखिले के लिए व्यवसायिक परीक्षा मंडल ने छात्राओं का प्रवेश परीक्षा लिया था। इसके बाद मैरिट के आधार पर छात्राओं का रिजल्ट जारी हुआ। जिन छात्राओं ने जगदलपुर सरकारी नर्सिंग कॉलेज चुना उन्हें यहां दाखिले की अनुमति दी गई। छात्राओं ने नतीजों के तुरंत बाद ही सारे दस्तावेजों के साथ कॉलेज में दाखिला लिया। दाखिले के तुरंत बाद कॉलेज प्रशासन ने जगह की कमी को देखते हुए छात्राओं को छुट्टी दे दी और फोर्थ इयर के बैच के पासआउट होने के बाद उन्हें 1 दिसबंर 2016 को दोबारा कॉलेज बुलाया गया और पढ़ाई शुरू करवाई गई। इस बीच छात्राओं का इनरोलमेंट फार्म पर क्लास टीचर ने दाखिले की तारीख 1 दिसंबर 2016 लिख दी जबकि छात्राओं ने प्रवेश पहले ही लिख दिया था। इस तिथि पर तत्कालीन प्राचार्य और क्लास टीचर ने ध्यान नहीं दिया। जब फार्म भेजे गए तब यूनिवर्सिटी ने भी तारीखों पर ध्यान नहीं दिया। इस बीच नर्सिंग एडमिशन घोटाले की जांच चरम पर थी। इसी जांच के बीच वार्षिक परीक्षा के एक दिन पहले कॉलेज प्रशासन को बताया गया कि जो तारीख दाखिले के लिए दी गई है वो पोस्ट डेटेट है। इसके बाद काॅलेज के प्राचार्य ने जांच की तो गलत तारीख डालने का खुलासा हो गया है और प्राचार्या ने रातो-रात सभी मूल दस्तावेज जिनसे पता चलता है कि दाखिले पोस्टडेटेट नहीं थे लेकर यूनिवर्सिटी पहुंची। यहां दस्तावेजो की जांच के बाद युनिवर्सिटी ने छात्राओं के लिए टेम्पररी इनरोलमेंट नंबर दे दिया और इन्हें पर्चे देने की अनुमति भी दे दी लेकिन अब नतीजे जारी नहीं किए जा रहे है।
क्या है नर्सिग एडमिशन घोटाला
कुछ समय पहले आयुष युनिवर्सिटी को शिकायतें मिली थी कि कुछ निजी नर्सिंग कॉलेज मैनेजमेंट कोटे के सीटों पर दाखिले को लेकर गड़बड़ी कर रहे है ओर मोटी रकम लेने के बाद एडमिशन की तय तारीखों के बाद भी दाखिले लिए जा रहे है। इसके बाद यूनिवर्सिटी ने जांच करवाई तो पाया कि प्रदेश भर के निजी और सरकारी कॉलजों में यह खेल चल रहा है और 462 छात्राओं के परीक्षा देने या जो परीक्षा दे चुके है उनके नतीजे जारी करने पर रोक लगाई गई।
तत्कालीन प्राचार्य ने कहा लिपीकीय त्रुटि थी छात्राओं की कोई गलती नहीं
शासकीय नर्सिंग कॉलेज की तत्कालीन प्राचार्य सपना ठाकुर ने बताया कि उस दौरान कार्डिनेटर से गलती हुई थी इसमें छात्राओं की कोई गलती नहीं थी। तारीखों को लेकर यूनिवर्सिटी के कुलपति से लेकर स्वास्थ्य सचिव सहित अन्य अफसरों को जानकारी दी गई लेकिन अचानक ही छात्राओं के नतीजे रोक दिए गए है।
हम प्रयास कर रहे है रिजल्ट निकल जाए
वर्तमान प्राचार्य तृप्ति साहू ने बताया कि यूनिवर्सिटी सहित अन्य स्तर पर छात्राओं के नतीजे जारी करने के लिए बातचीत चल रही है। जल्द ही कुछ फैसला हो जाएगा।
छात्राए बोली पोस्ट डेटेड एडमिशन नहीं सारे सबूत है हमारे पास
इधर अब नतीजे नहीं आने से परेशान छात्राओं ने भी यूनिवर्सिटी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। छात्राअो ने व कई अफसरों को बताया कि उनका एडमिशन पोस्टडेटेड नहीं है इसके सारे प्रमाण उनके पास है।
छात्राओं ने इस तरह पेश किए प्रमाण
- पीएनटी की परीक्षा में चयनित सूची।
- डीडी द्वारा कॉलेज में प्रवेश शुल्क की पर्ची ।
- कॉलेज द्वारा प्रदत्त फीस स्ट्रक्चर।
- प्राचार्या द्वारा जारी अन्य दस्तावेज।
- कॉलेज द्वारा प्रवेश शुल्क की रसीद व अन्य दस्तावेज।