"ब्लू व्हेल गेम" मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केंन्द्र से जवाब मांगा है। सरकार को तीन सप्ताह के भीतर अपना पक्ष अदालत में रखना होगा। इस मामले में अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल को अदालत की मदद भी करेंगे। उल्लेखनीय है कि 73 वर्षीय वृद्ध ब्लू व्हेल गेम पर प्रतिबंध के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे। उनका कहना है कि इसे तत्काल प्रभाव से प्रतिबंधित करना चाहिए, क्योंकि युवा वर्ग इसके जरिये खुदकशी जैसा कदम उठा रहा है। चीफ जस्टिस दीपक मिश्र, जस्टिस एएम खानविलकर व जस्टिस डीवाई चंद्रचूड की पीठ ने याचिका को सुनवाई के लिए स्वीकृत कर लिया था। याचिका में यह भी मांग की गई है कि ब्लू व्हेल गेम के खिलाफ लोगों के बीच जागरूकता अभियान चलाया जाए। इसमें कहा गया कि पांच सितंबर तक ही इसकी वजह से दो सौ युवा आत्महत्या कर चुके हैं। इनमें से ज्यादातर 13, 14 व 15 साल की उम्र के थे। ऑनलाइन खेल के दौरान इन्होंने आत्मघाती कदम उठाया। वृद्ध का कहना है कि मदुरै पुलिस ने माना है कि एक युवा ने आत्महत्या से पहले 150 दोस्तों को इसे फारवर्ड कर दिया था। दिल्ली हाई कोर्ट ने 22 अगस्त को गुगल व याहू से इस पर जवाब तलब किया था। रुस से शुरु हुए ब्लू व्हेल गेम का प्रभाव दुनियाभर में फैल चुका है। भारत में कई बच्चे इसके शिकार हो चुके हैऔर कई ने इसमें उलझकर अपनी जान गवां दी। भारत में सबसे पहला मामला मुंबई में देखने को मिला था, जब मनप्रीत नामक लड़के ने छत की उपरी मंजिल से कूद कर अपनी जान दे दी थी। इसके बाद तो यह सिलसिला चल निकला। एक के बाद एक कई राज्यों जैसे, तमिलनाडु, राजस्थान, झारखंड, केरल, चंडीगढ़ से ऐसी खबरें आने लगीं।