जगदलपुर। पीजी काॅलेज के लिए बुधवार का दिन कॉफी खास रहा यह पहला मौका था जब बस्तर से किसी ई पुस्तक का विमोचन किया गया हो। इस मामले में खास बात यह है कि इस पुस्तक को पीजी कॉलेज के ही प्रो एम अली ने लिखा है। इस पुस्तक का नाम मैं मुझमे अकेला नहींं हूं है। इसमें विश्व की अलग-अलग 48 लोक कथाओं की सामजिक व्याख्या लेखक ने अपने अंदाज में की है। इसके अलावा बस्तर की पहली आनलाईन शोद्य पत्रिका है जिसका नाम अनाखर डॉट काम है की भी शुरूआत की गई है। इसका निर्माण प्रो एम अली के अलावा पीजी कॉलेज के लाईब्रेरियन शोएब अंसारी ने किया है। इस वेबसाईट पर बस्तर में शोद्य करने वाले छात्र अपने शोद्य पत्र डाल सकेंगे जिसे पूरे विश्व में देखा जा सकेगा। इस पूरे कार्यक्रम में शामिल होने के लिए बीयू के कुलपति प्रो शैलेंद्र कुमार भी पहुंचे थे। उन्होंने ने ही ई पुस्तक विमोचन किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि पुस्तक के लेखक प्रो एम अली ने सोशल सांईटिस्ट के रूप में सामाजिक लोक कथाओं की व्याख्या की है जिमसे लोककथाओं के मानव जीवन से जुड़ाव पता चलता है। कार्यक्रम में शामिल होने आए प्रोफेसर हिमांशु शेखर झा ने कहा कि अब लोगों के बीच पुस्तकों को पढ़ने की आदत कम हो गई है। ऐसे में ई पुस्तक लोगों को नई राह दिखाएगी। डॉ योगेंद्र मोतीवाला ने कहा कि पुस्तक की भाषा किताबी न होकर आम बोलचाल की भाषा है।