01-01-2018 20:39:49 .
जगदलपुर। बस्तर के लिए वर्ष 2017 अच्छा रहा किसानों से लेकर बेरोजगारों के लिए कई नई योजनाएं चलाई गईं। जिला प्रशासन से लेकर जिला पंचायत के अफसरों ने गांवों में ताकत झोंकी, गांव-गांव में महिला स्व सहायता समूह का निर्माण करवाया गया। कई योजनाओं का क्रियान्वयन करवाया गया। 2017 में गांवों में विकास के लिए जो बीज बोया गया है उसकी फसल 2018 में लोग काटेंगे। वर्ष 2018 में बस्तर हवाई सेवाओं के जरिए आसामान छुएगा वहीं सौर सुजला पंप के जरिए पाताल से पानी खींचकर बाहर लाएगा। वर्ष 2017 में जिन कामों की नींव रखी गई थी वह 2018 में मूर्त रूप लेगी। वर्ष 2018 में बस्तर के भविष्य को गढ़ने के लिए युवा आईएएस रितेश अग्रवाल अनुभवी कलेक्टर धनजंय देवागन के साथ मिलकर जिस कार्ययोजना पर काम कर रहे है वो अभी से मूर्त रूप लेते नजर आ रही है।
2018 कैसे बस्तर को खुशहाल करेगा इस पर पूरी रिपोर्ट
एयरपोर्ट में टर्मिनल बिल्डिंग का काम पूरा लाइसेंस के लिए भेजा आवेदन
बस्तर 2018 मार्च तक हवाई सेवाओं से जुड़ जाएगा। 72 सीटों वाले छोटा विमान यहां से उड़ेगा। इसके लिए हवाई पट्टी के अंदर टर्मिनल बनाने का काम लगभग पूरा कर लिया गया है। उड़ानों के लिए डीडीसीए के पास लाइसेंस के लिए आवेदन भेजा है।
जिले के सभी ब्लाक ओडीएफ घोषित
अब लोगों को शौचालय तक पहुंचाने अभियान बस्तर जिला 2018 शुरू होने से पहले ही ओडीएफ हो गया है। 7 ब्लाकों में 15 हजार से ज्यादा शौचालय बनाए गए। कुछ एक मामले अपवाद स्वरूप ओडीएफ नहीं होने के आते हैं। गांव-गांव में शौचालय तो बन गए हैं। ऐसे में अब नए साल में लोगों को शौच के लिए शौचालय का उपयोग करने के लिए जागरूक किया जाएगा।
36 सड़कें बनेंगी गांव जुड़ेंगे शहर से
जिले में पीएमजीएसवाय योजना के तहत पिछले साल 62 किमी की सड़क बनी। वर्ष 2018 में 199 किमी सड़क बनाने का लक्ष्य रखा गया है। इन सड़कों के बनने से 36 गांवों में सड़क का निर्माण पूरा हो जाएगा और ये गांव शहर से जुड़ेंगे।
5400 गंभीर कुपोषित बच्चे स्वस्थ होंगे
बस्तर में 1 से 4 साल के 43 प्रतिशत बच्चे कुपोषित थे। इनमें कुछ ऐनेमिक, कुछ का वजन कम, कुछ के पेट में कीड़े सहित अन्य बीमारियों से ग्रसित थे। 2017 में 43 प्रतिशत के इस आंकड़े को 30 प्रतिशत तक लाया गया है। वर्ष 2018 में इसे 15 प्रतिशत तक लाने का लक्ष्य रखा गया है। सुपोषित बस्तर अभियान के तहत 5400 बच्चों को चुना गया है जिन्हें 2018 में स्वस्थ करना है।
97 प्रतिशत पहुंचा संस्थागत प्रसव का आंकाड़ा
बस्तर जिले में संस्थागत प्रसव का ग्राफ काफी कम था वर्ष 2016 में इसे 65 प्रतिशत पहुंचाया गया। वर्ष 2017 में यह 97 प्रतिशत पहुंंचा। 2018 में सौ प्रतिशत प्रसव संस्थागत करवाने का प्रयास किया जा रहा है।
सर्पदंश के मामले लोगों को हास्पिटल लाने वाले सिरहा-गुनिया को भी प्रोत्साहन
बस्तर में सर्पदंश से होने वाली मौतों को कम करने के लिए वर्ष 2018 में बस्तर कलेक्टर धनंजय सिंह नया प्रयोग कर रहे हैं। सर्पदंश में ज्यादातर मौतें सिरहा-गुनिया के द्वारा इलाज करने में होने वाली देरी के कारण होते हैं। ऐसे में अब सिरहा,गुनिया और देशी इलाज करने वाले लोगों की बैठक लेकर उनसे कहा गया है कि यदि कोई उनके पास आता है तो वह उसे लेकर तुरंत हास्पिटल पहुंचे। यहां एंटी स्नेक वेनम लगवाने के बाद पूजा-पाठ व दुआ भी करें। हास्पिटल में उन्हें ऐसा करने से नहीं रोका जाएगा।
नगरनार स्टील प्लांट में काम करने के लिए बस्तरिया युवाओं को ट्रेनिंग
वर्ष 2018 में नगरनार स्टील प्लांट की शुरूआत हो जाएगी। ऐसे में स्टील प्लांट में ज्यादा से ज्यादा बस्तर के बेरोजगारों को नौकरी मिले इसके लिए उनके कौशल उन्यन्न का प्रोग्राम चलाया जाएगा। फिटर, वेंडर जैसे कामों की ट्रेनिंग के लिए नए कौशल उन्यन्न केंद्र खोले जाएंगे।
30 हजार एकड़ वनभूमि पर जमीन सुधार का कार्यक्रम होगा लांच
बस्तर जिले में 30 हजार एकड़ वनभूमि की पट्टे बांटे गए हैं। इसके अलावा दीगर मरहान जमीन भी यहां मौजूद हैं। इस जमीन का उपयोग कृषि क्षेत्र में हो सके इसके लिए भूमि सुधार कार्यक्रम चलाया जाएगा। मनरेगा के तहत भूमि सुधार का काम करवाया जाएगा। इसके अलावा दो हजार नलकूप और पंप दिए जाएंगे।
5 हजार डबरी के जरिए बढ़ेगा सिंचाई का साधन
वर्ष 2018 में गांव-गांव में डबरियों का निर्माण होना है। इस साल करीब पांच हजार डबरियां खुदवाई जाएंगी। अभी बस्तर में औसत 1200 मिमी बारिश होती है। इतनी बारिश में सिर्फ 12 या 13 प्रतिशत पानी ही रोका जाता है। बारिश के पानी को रोकने और इसे सिंचाई व दीगर काम में लगाने के लिए पांच हजार डबरियों का निर्माण होना है। यह मनरेगा के जरिए बनाई जाएगी इससे लोगों को रोजगार के साथ पानी मिलेगा।
1000 सौर सुजला पंप लगेंगे इंद्रावती के किनारे
जिले में वर्ष 2017 में करीब 497 सौर सुजला पंप लगाए गए। वर्ष 2018 में इसे पंद्रह सौ तक ले जाने का प्रयास किया जाएगा। इंद्रावती नदी के किनारे एक हजार नए पंप लगवाए जाएंगे।
कड़कनाथ और मिक्स फार्मिंग के नए दौर की शुरूआत
वर्ष 2018 में मिक्स फार्मिंग का नया दौर शुरू होने वाला है। इस साल प्रयोग के तौर पर तीन ब्लाकों के किसानों को कड़कनाथ के पालन के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसके अलावा किसानों को खेती के साथ गाय, बकरी, मुर्गा, मछली पालन के लिए भी मदद की जा रही है। मिक्स फार्मिंग के नए दौर की शुरूआत की जाएगी।
नक्शा-खसरा का डिजिटलाईजेशन पूरा
वर्ष 2017 में 4 लाख 52 हजार तीन सौ नक्शा-खसरा के एक लाख 21 हजार खाता धारक है। इसके डिजिटलाईजेशन का काम पूरा कर लिया गया है। अब लोग इंटरनेट के जरिए एक क्लिक में ही नक्शा-खसरा निकाल सकेंगे।
सोशल ऑडिट का नया सिस्टम हुआ डेवलअप
बस्तर में सोशल ऑडिट का नया सिस्टम
बस्तर में सोशल ऑडिट का नया सिस्टम कलेक्टर धनंजय देवांगन ने शुरू किया है। गांव-गांव में वे चौपाल लगाकर कामों का सोशल ऑडिट करवा रहे हैं। उन्होंने बताया कि गांव में चौपाल लगाकर फील्ड के अफसरों को भी बुलाया जाता है। यहां गांव वालों से उनकी समस्या और शिकायत पूछी जाती है। इसके बाद मौके पर ही अफसर से जवाब तलब किया जाता है। काम अच्छा होने पर शाबाशी और खराब होने पर कार्रवाई दोनों की जाती है। सोशल ऑडिट लोगों में नया आत्मविश्वास पैदा कर रही है।
महिलाओं के नाम 2018 मसालों की फैक्ट्री लगेगी इस साल
जिला पंचायत में महिलाओं के लिए कई योजनाएं बना रखी हैं। 2018 में चार से लेकर जहाज बनाने तक का काम महिला स्वसाहायता समूह को देने की तैयारी की गई है। जिला पंचायत सीईओ रितेश अग्रवाल ने बताया कि खेती से लेकर तकनीक तक का काम महिलाएं कर रही हैं और कर सकती हैं। वर्ष 2017 में स्वसाहायता समूह ने 2 सौ एकड़ में हल्दी की खेती की वर्ष 2018 में इसका रकबा 1 हजार तक बढ़ाने के साथ हल्दी को पीसने के लिए मसाला फैक्ट्री की सौगात भी दी जाएगी।