jdp, 15-06-2023 15:24:36 .
जगदलपुर। राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 30 (धमतरी-जगदलपुर) को फोर लेन बनाए जाने के लिए भाजपा के पूर्व विधायक संतोष बाफना लगातार केंद्र सरकार का ध्यानाकर्षण करा रहे है और एक बार फिर उन्होंने केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी को इस संबंध में पत्र लिखा है। और बस्तर के विकास के लिए इस क्षेत्र को फोर लेन मार्ग से जोड़ने की मांग दोहराई है।
दरअसल धमतरी-जगदलपुर मार्ग पर ट्रैफिक का दबाव काफी बढ़ गया है, जिससे यहां आए दिन हादसे हो रहे हैं। ऐसे में इस टू-लेन पेव्ड शोल्डर सड़क को फोर लेन में बनाए जाने की मांग लंबे समय से बाफना उठा रहे हैं।
फोर लेन मार्ग बस्तर के विकास के लिए ग्रोथ का इंजन साबित होगा
बाफना ने बताया है कि, हर प्रकार के उद्योग एवं कारोबार के लिए सड़कें लाइफलाईन की तरह होती हैं और वर्तमान में बस्तर संभाग के यातायात की वर्षों पूर्व समस्या का निवारण मात्र राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 30 के मध्य स्थित धमतरी से जगदलपुर मार्ग को फोर लेन में परिवर्तित करने से संभाग मुख्यालय जगदलपुर से समीप नगरनार में बने एनएमडीसी स्टील प्लांट में प्रोडक्शन शुरू होते ही आसपास के क्षेत्र में औद्योगिक विकास, विस्तार और निवेश के लिए यह कदम मील का पत्थर साबित होगा ही, साथ ही माल ढुलाई भी आसान और सस्ती हो जाएगी। एवं पर्यटन की दृष्टि से बस्तर में अनेकों ऐसे स्थल हैं जो अद्वितीय हैं, यातायात के मामले में सुधार होने से पर्यटन को भी पंख लगेंगे। एक सकारात्मक पहल बस्तर के विकास के लिए ग्रोथ का इंजन साबित हो सकती है।
एटीसीसी बेस्ट यातायात सर्वेक्षण पुनः कराया जाए
बाफना ने अपने पत्र में केन्द्रीय मंत्रालय द्वारा पूर्व में दी गई जानकारी का हवाला देते हुए एटीसीसी बेस्ड यातायात सर्वेक्षण पुनः कराने की मांग करते हुए कहा है कि, राष्ट्रीय राजमार्ग प्रबंधन कंपनी लिमिटेड के द्वारा वर्ष 2019-20 बदईगुड़ा टोल प्लाजा पर यातायात सर्वेक्षण कराया गया था जो कि लगभग 04 वर्ष पुराना हो चुका है। और वर्तमान में धमतरी-जगदलपुर मार्ग पर यातायात का दबाव भी बहुत बढ़ चुका है। लगभग 14 से 15 हजार छोटे-बड़े वाहन प्रतिदिन इस मार्ग का उपयोग करते हैं।
रायपुर से धमतरी तक फोर लेन निर्माण कार्य जारी है और क्षेत्रवासियों की मांग केवल धमतरी से जगदलपुर मार्ग को भी फोर लेन में जोड़ने की है। यह राष्ट्रीय राजमार्ग 50 वर्ष से भी अधिक पुराना है। पहले यह मार्ग एनएच 43 के नाम से जाना जाता था जो कि पूर्व में रायपुर से विजयनगरम् को जोड़ने वाली सड़क हुआ करती था। किन्तु वर्ष 2013 में इसके नवीन नामकरण उपरांत इसे एनएच 30 के नाम से जाना जाने लगा है और दायरा भी बदलकर सितारगंज (उत्तराखण्ड) से इब्राहिमपट्टम (आंध्रप्रदेश) तक कुल 1984.3 किमी का हो चुका है फोर लेन सड़क बनने से सबसे खास फायदा यह होगा कि, बस्तर में आवागमन की बदली परिस्थितियों के कारण क्षेत्र के लोगों को स्थानीयता के साथ आर्थिक मजबूती का अवसर मिल सकेगा। व पिछले चार दशक से बस्तर जो नक्सलवाद का दंश झेल रहा है उस पर भी अंकुश लगाया जा सकता है। एवं क्षेत्र की सामाजिक, आर्थिक एवं तमाम मसलों के साथ नए परिदृश्य में अधिक लोगों व वाहनों की आवाजाही के कारण अब तक रोजगार की मृतप्राय पड़ी संभावनाओं में फिर से जान फूंकी जा सकेगी, जिससे निश्चित तौर पर क्षेत्र को समृद्धि ही मिलेगी।