29-12-2017 19:21:59 .
@मोहम्मद ताहिर खान बीजापुर। दशकों से वामपंथ अतिवाद के थपेड़े खा रहे बीजापुर जिले में पली-बढ़ी प्रीति दुर्गम से इस कथित पिछड़े इलाके को नई पहचान मिली है। मूलतः उसूर की रहने वाली प्रीति दुर्गम का सलेक्शन डिप्टी कलेक्टर के लिए हुआ है। वह अजा वर्ग में इस पद पर अव्वल रही है।
जिला मुख्यालय में पदस्थ शिक्षक राऊतपारा निवासी दुर्गम नागेश व श्रीमती मीना दुर्गम की लाडली प्रीति बीजापुर की पहली युवती है, जो डिप्टी कलेक्टर बनी है। उनकी प्राथमिक शिक्षा अल्फा पब्लिक स्कूल से हुई। उसके बाद उन्होंने जगदलपुर में दीप्ती कान्वेंट व केन्द्रीय विद्यालय में बारहवीं तक की शिक्षा ग्रहण की। 2012 में सीआईएमटी भिलाई से कंप्यूटर साइंस में बीई करने के बाद नई दिल्ली में यूपीएससी की कोचिंग ली। वे फिर चार साल से छग में ही पीएससी की तैयारी कर रहीं थीं। चार साल की मेहनत रंग लाई और वे डिप्टी कलेक्टर के लिए चयनित हो गईं। अजा वर्ग में डिप्टी कलेक्टर के दो पद थे। इसमें भी वे टॉप पर रहीं। उन्होंने डिप्टी कलेक्टर के अलावा लेखाधिकारी, वाणिज्य कर अधिकारी, श्रम अधिकारी समेत विभिन्न पदों को चॉइस में रखा था। वे कहती हैं कि डिप्टी कलेक्टर में चयन को लेकर उन्हें थोड़ा संदेह था। चयन होने पर उन्हें काफी खुशी हुई। वे कहती हैं कि बचपन से ही उनकी इच्छा सिविल सर्विसेस में जाने की थी। उनका पैतृक निवास उसूर में है। इधर, राऊतपारा स्थित उनके निवास पर पर्व-सा माहौल है। सुबह से नाते-रिश्तेदारों व मित्रों का तांता लगा है। सुबह से ही पूरे परिवार को बधाई मिल रही है।