jdp, 28-10-2022 17:37:32 .
जगदलपुर। शहर में लगातार नशाखोरी बढ़ती चली जा रही है। किसी भी तरह से नशे के कारोबार पर जिला प्रशासन का कोई नियंत्रण नहीं दिख रहा है। खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग भी सिर्फ खानापूर्ति कर रहा है, वहीं अवैध रूप से नशीली दवाओं को बेचने पर विभाग के साथ ही प्रशासन का कोई नियंत्रण नहीं है। इसीलिए नशे के अवैध कारोबार को नियंत्रित करने के लिए कोई भी पहल प्रशासन नहीं कर रहा है।
इसका परिणाम ये हुआ कि शहर के वरिष्ठ पत्रकार पर नशे में डूबे युवकों ने जानलेवा हमला कर उनसे लूटपाट की। गंभीर हालत में उन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया। इसके अलावा बीते कुछ दिनों में अलग-अलग जगहों पर पत्रकारों से हुई मारपीट और हमले हुए इसके साथ ही इन नशाखोरों ने ही गंगामुंडा में एक महिला की हत्या कर दी थी। कुल मिलाकर शहर में लोकतंत्र के चौथे स्तंभ माने जाने वाले पत्रकार ही सुरक्षित नहीं हैं तो फिर आम लोगों की सुरक्षा की कल्पना आसानी से की जा सकती है कि किस तरह से लोग सुरक्षित होंगे।
पत्रकार लोकतंत्र के चौथे स्तंभ सिर्फ कहने भर को नहीं हैं, बल्कि इसलिए हैं कि उन पर ये जिम्मेदारी है कि वे एक स्वच्छ और स्वस्थ्य समाज का निर्माण करने में अपनी महती भूमिका निभा सकें। पत्रकारों ने ही बड़े-बड़े भ्रष्टाचार, आर्थिक अनियमितताओं, अव्यवस्थाओं के विरूद्ध आवाज बुलंद की है। ऐसे में अगर उन पर इस तरह से जानलेवा हमले होते रहें तो समाज की क्या स्थिति होगी, इसकी कल्पना सहज ही की जा सकती है।
प्रशासन की ही नाकामी है कि बस्तर जिले में नशीली दवाओं से लेकर मादक पदार्थों अवैध बिक्री जोरों पर जारी है। नशीली दवाओं की बिक्री को लेकर जहां खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग अवैध प्रतिबंधित नशीली दवाओं को बेचने के लिए मौखिक प्रमाण पत्र जारी कर देता है, वहीं कुछ लोग नशीली दवाओं को धड़ल्ले से बेच रहे हैं। इस पर नियंत्रण लगाना बेहद जरूरी है।
पूरे बस्तर जिले से 15 दिनों के भीतर नशे का अवैध कारोबार करने वालों को चिन्हांकित करते हुए उनके खिलाफ प्रशासन कार्रवाई करे। यदि प्रशासन ऐसा करने में नाकाम होता है तो हिंदू समाज के साथ ही शहरवासी प्रशासन के खिलाफ उग्र आंदोलन करने के लिए बाध्य होगा और इसकी पूरी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।