jdp, 05-07-2022 16:00:41 .
रविश परमार जगदलपुर। आदिवासी संस्कृति को करीब से जानने के इच्छुक देशी-विदेशी पर्यटकों के लिए खुशखबरी है। कांगेर घाटी नेशनल पार्क में सैलानियों के लिए अथिति देवोभव का नया कॉन्सेप्ट लाया जा रहा है यहां जल्द होम स्टे की सुविधा शुरू होने वाली है। होम सटे भी इसी इलाके में रहने वाले आदिवासियों के घरों पर होगा। बस्तर घूमने आने वाले पर्यटकों को होम स्टे के जरिये प्रकृति के करीब रहने का मौका मिलेगा यहां वे आदिवासी संस्कृति, खानपान और रहन-सहन से भी रूबरू हो सकेंगे। इसके अलावा नेशनल पार्क में रहने वाले ग्रामीणों के लिए रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। बारिश के मौसम में कांगेर घाटी नेशनल पार्क में स्थित तीरथगढ़ का सीढ़ी दार जलप्रपात अपने पूरे सबब में होता है जिसे देखने देश विदेश से लोग आते है। अभी तक इस इलाके में रुकने की कोई विशेष व्यवस्था नहीं होने से लोग तीरथगढ़ में कुछ घंटे बिता कर वापस लौट जाते थे लेकिन होम स्टे वाले नए कॉन्सेप्ट से पर्यटक इस इलाके में ज्यादा समय बिताएंगे। पर्यटक यहां जितने ज्यादा समय तक रुकेंगे उतना ही फायदा इलाके के आदिवासियो को होगा।
कांगेर घाटी नेशनल पार्क के संचालक धम्मशील गणवीर ने बताया कि कांगेर वैली नेशनल पार्क को पर्यटकों के लिए और आकर्षित बनाने के लिए इस पार्क का विकास किया जा रहा है। पर्यटको के लिए बहुत जल्द होम स्टे की सुविधा की शुरुआत की जा रही है। यह पूरी तरह से बस्तर के आदिवासी संस्कृति, खानपान और रहन-सहन से जुड़ी होगी पर्यटक इन होम स्टे में रुकने के साथ बस्तर के स्थानीय व्यंजनों का भी स्वाद चख सकेंगे।