12-12-2017 18:40:05 .
बस्तर आज नए युग में प्रवेश कर रहा है। पूरे संभाग में अब कभी अंधेरा नहीं होगा। प्राकृतिक आपदा हो या बाढ़ या कोई कारण। बस्तर के सातों जिलों को निर्बाध बिजली मिलेगी। यहा बातें मुख्यमंत्री डाॅ. रमन सिंह ने भिरलिंगा में आयोजित ‘बेमिसाल 14 साल‘ कार्यक्रम में लगभग 764 करोड़ रुपए के विकास कार्यों के भूमिपूजन और लोकार्पण तथा हितग्राहीमूलक सामग्री के अवसर पर कही।
मुख्यमंत्री ने परचनपाल-महुपालबरई में 400/220 केव्ही विद्युत सब-स्टेशन का लोकार्पण किया। उन्हांेने कहा कि छत्तीसगढ़ के इतिहास में भिलाई और रायता के बाद बस्तर में 633 करोड़ का विशाल विद्युत सब-स्टेशन बना है। उन्होंने कहा कि मुझे आज भी याद है 1 जून 2002 की वह घटना जिसमें झाराघाटी में 132 केव्ही के तार टाॅवर तोड़ दिया गया था। पूरा बस्तर संभाग अंधेरे में जूझता रहा। युवा, बच्चे, काम करने वाले अंधेरे में रहे। मैंने उसी दिन तय कर लिया था कि बस्तर को इस अभिशाप से मुक्त किया जाएगा। मैंने उसी दिन 400 केव्ही बिजली लाईन बिछाने का सपना देखा था। आज वह सपना पूरा हो गया है। यह बस्तर के लिए नई सुबह है। छत्तीसगढ़ और बस्तर के विकास का जो सपना देखा गया था, वह पूरा हो रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम बिजली के साथ बस्तर को सड़क, रेल, विमान के साथ मोबाइल कनेक्टिविटी से जोड़ रहे हैं।
उन्होंने कहा कि बस्तर के सभी कोनों को जोड़ने के लिए 1200 किलोमीटर सड़कों का निर्माण किया जा रहा है। रेलवे कनेक्टिविटी के लिए दल्लीराजहरा से रावघाट तक 235 किलोमीटर तक नई रेलवे लाईन बिछाई जा रही है इसका काम तेजी से चल रहा है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में बस्तर से हैदराबाद और रायपुर तक हवाई यात्रा हो सकेगी। एयर कनेक्टिविटी के लिए हमने विशेष कार्य योजना बनाई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे याद है अबूझमाड़ के लोग मुझसे कहते थे कि क्या हम कभी मोबाइल फोन से बात नहीं कर पाएंगे। उसी दिन मैंने सबको मोबाइल देने का सपना देखा था। इसके लिए हमने स्काई योजना बनाई है इसमें दुरस्थ अंचलों में 1600 मोबाइल टाॅवर लगाने के साथ ही केबल बिछाने का कार्य किया जाएगा। अगले छह महीने में छत्तीसगढ़ के 55 लाख लोगों को स्मार्ट फोन बांटे जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा उद्देश्य हर गांव, हर बस्ती और हर घर तक बिजली पहुंचाना है। बस्तर के सात जिलों में छह लाख लोगों के घर में बिजली नहीं है उन्हें सौभाग्य योजना से बिजली कनेक्शन दिया जाएगा। उन्होंने बिजली को नए जीवन में प्रवेश तथा बिजली को सभी के लिए बताते हुए कहा कि जिन दुर्गम घरों तक बिजली कनेक्शन नहीं पहुंचाई जा सकती वहां 50 हजार रुपए का सोलर सेट प्रदान किया जाएगा। इसमें पंखा, बलब और ट्यूबलाईट भी शामिल है। उन्होंने कहा कि 14 साल पहले याद कीजिए जब बिजली आती कम थी और जाती ज्यादा थी। 100 वाॅट का बल्ब जलाने पर वह 10 वाॅट जैसी रोशनी देती थी। हमनें इसमें भारी काम किया है। 14 सालों में बिजली के क्षेत्र में 26 हजार करोड़ रूपए खर्च किए गए। मुझे याद है जब मेरे गांव में बिजली आई तब हम बिजली की रोशनी देखने के लिए रात भर जागे थे। आज बस्तर के लिए नई सुबह है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके शासनकाल में गांव, गरीब और किसान के कल्याण के लिए कई नई योजनाएं प्रारंभ की गई, जिससे गांव-गांव में खुशहाली आई है। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ शासन द्वारा किसानों को सिंचाई के लिए 7500 यूनिट तक निःशुल्क बिजली उपलब्ध कराई जाती है, जिसके लिए शासन द्वारा अब तक 3652 करोड़ रुपए का अनुदान दिया गया है। उन्होंने कहा कि किसानों को सिंचाई के लिए निःशुल्क बिजली मिलने से बारहमासी खेती कर रहे हैं, जिससे उनकी आय तेजी से बढ़ने के कारण परिवारों में खुशहाली आई है। उन्होंने कहा कि आदिवासी बहुल बस्तर के युवा उच्च शिक्षा के प्रति आकर्षित हो रहे हैं और सफलता की ऊचाईयों को छू रहे हैं। उन्होंने कहा कि बस्तर की जनता शांति और विकास चाहती है। नक्सलवाद समाप्त हो जाएगा। अब यहां बारूद नहीं ढोल-मांदर की थाप गूंजेगी। यह ‘रेड कारीडोर’ के नाम से नहीं बल्कि शांति और विकास के ‘ग्रीन कारीडोर’ के नाम से जाना जाएगा। उन्होंने बस्तर और छत्तीसगढ़ में हो रहे विकास को मां दंतेश्वरी का आशीर्वाद बताते हुए कहा कि इससे बस्तर सहित पूरे प्रदेश में उत्साह का वातावरण है। इस अवसर पर स्कूल शिक्षा और आदिम जाति विकास मंत्री श्री केदार कश्यप, लोकसभा सांसद दिनेश कश्यप, छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल के अध्यक्ष और विधायक संतोष बाफना, छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल के अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह सवन्नी सहित अन्य वरिष्ठ जनप्रतिनिधि और शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।