jdp, 06-06-2022 19:56:50 .
वेबडेस्क। छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार के द्वारा राम वनगमन पर्यटन परिपथ के बाद अब राज्य में भगवान श्रीकृष्ण के नाम पर कृष्ण कुंज बगीचा बनाने की तैयारी की जा रही है, जन्माष्टमी से इस कृष्ण कुंज की शुरुआत होगी उक्त बातें जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष राजीव शर्मा ने कहा आगे उन्होंने बताया कि राज्य के संवेदनशील यशस्वी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी की पहल पर राज्य सरकार इस योजना को मूर्त रूप देने जा रही है कृष्ण कुंज विकसित करने के लिए वन विभाग को न्यूनतम एक एकड़ भूमि का आवंटन करने के निर्देश दिए हैं आगामी कृष्ण जन्माष्टमी के दिन पूरे राज्य में कृष्ण कुंज के लिए चयनित स्थलों पर वृक्षों का रोपण प्रारंभ किया जाएगा इस एक एकड़ जमीन पर वन विभाग सांस्कृतिक महत्व वाले जीवन उपयोगी पौधों का रोपण करेगा इन बगीचे में बड़े पैमाने पर बरगद, पीपल, नीम और कदम्ब जैसे सांस्कृतिक महत्व के जीवनोपयोगी वृक्षों का रोपण किया जाएगा पौधरोपण को जन अभियान बनाने के लिए यह पहल की है। राजीव शर्मा ने कहा कि इस योजना के तहत जहां पेड़ पौधे लगेंगे वहां हरियाली होगी वृक्षों की वजह से पर्यावरण संतुलित होगा वायु में जीवनदाई ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ेगी जिससे स्वास्थ संबंधी समस्या में कमी आएगी इससे सभी नगरी निकाय के शहरों की तस्वीर बदलेगी प्रदेश में हर तरफ हरियाली दिखेगी, खाली पड़े खेतों में पेड़-पौधे लगाने वाले किसानों को अब इस योजना के तहत ₹10000 सालाना दिए जा रहे हैं वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना को छत्तीसगढ़ की राजीव गांधी किसान न्याय योजना के साथ भी जोड़ा गया है अब जिन किसानों ने 2020 में धान की फसल ली हो तथा न्यूनतम समर्थन मूल्य योजना के अंतर्गत धान का विक्रय करने के लिए विधिवत पंजीयन कराया हो तथा धान का विक्रय किया हो यदि वे धान की फसल के बदले अपने खेतों में वर्ष 2021-22 तथा आगामी वर्षों में वृक्षारोपण करते हैं तो उन्हें आने वाले 3 सालों तक ₹10000 प्रति एकड़ की दर से प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। राजीव शर्मा ने कहा कि देश में हर साल पर्यावरण दिवस मनाया जाता है और पर्यावरण को बचाने के संकल्प होते हैं किंतु इस दिशा में सार्थक पहल की आवश्यकता है जिससे पर्यावरण का संतुलन बेहतर तरीके से किया जा सके पूर्ववर्ती सरकार की गलत नीतियों ने हरियाली को वेंटिलेटर पर डाल दिया है छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री माननीय भूपेश बघेल पर्यावरण को रोजगार से जोड़ कर एक नई शुरुआत की है जिसे देश भर में सराहा जा रहा है नरवा, गरवा, घुरुवा बाड़ी योजना का स्वरूप धरातल पर नजर आ रहा है। पर्यावरण और विकास दोनों को साधने वाली यह योजना छत्तीसगढ़ के विकास में अपना अहम योगदान दे रही है ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बल मिलने से गांव अब गुलजार हो रहे हैं गांव में ही रोजगार के अवसर मिलने से शहरों की तरफ लगने वाली अंधी दौड़ में भी कमी आई है इस योजना से छत्तीसगढ़ में पर्यावरण संरक्षण के साथ किसानों और मजदूरों को लाभ मिलने से उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हो रहा है।