जगदलपुर। स्वच्छ भारत मिशन के लिए देश के प्रमुख शहरों में सफाई में अव्वल आने की कवायद में जुटे नगर निगम ने अपने अमले को और सक्रिय किया है। जनवरी में रेटिंग प्रक्रिया होगी, इसमें निगम चाहता है कि सफाई के मामले में उसकी रेटिंग अन्य शहरों से और अच्छी हो इसके लिए निगमायुक्त प्रेम कुमार पटेल ने निगम के स्वास्थ्य शाखा के अलावा स्वच्छता से जुड़े अन्य अधिकारियों का स्वच्छ सर्वेक्षण-2022 के महत्वपूर्ण बिन्दुओं का प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण में बताया गया कि स्वच्छ भारत मिशन की शुरुआत 2 अक्टूबर 2014 को की गई थी, जिसका पहला चरण 1 अक्टूबर 2021 को खत्म हुआ और 2 अक्टूबर 2021 से दूसरे चरण(SBM 2•0) की शुरुआत की गई। प्रथम चरण में घर-घर शौचालय और सार्वजनिक शौचालय निर्मित कर खुले में शौच की आदत को बन्द करने में सफलता मिली। साथ ही मिशन क्लीन सिटी के तहत घर-घर से कचरा उठाने और बड़े डस्टबिन को हटाने से शहर में कचरों का ढेर कम हुआ, परंतु अभी-भी पूरी तरह से कचरा का संग्रहण, प्रसंस्करण और निपटान नहीं हो रहा है। साथ ही प्लास्टिक, पन्नी, disposal, बोतल, पाउच से शहर की रोड और नालियाँ मुक्त नहीं हो पायी हैं। लोगों में स्वच्छता के प्रति जागरुकता की बहुत ज्यादा कमी है। इन्हीं सभी कमियों को दूर करने के उद्देश्य से SBM 2•0 की शुरुआत की गई है, जिसमें 2 अक्टूबर 2026 तक देश के सभी शहरों को कचरा मुक्त(GFC) करने का लक्ष्य रखा गया है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने हेतु स्वच्छ सर्वेक्षण निरंतर जारी रहेगा, जिससे शहरों के मध्य स्वच्छ बनने की प्रतिस्पर्धा हो। इसी कड़ी में स्वच्छ सर्वेक्षण-2022 के दिशा-निर्देश जारी किये गये हैं। सर्वेक्षण में रैंकिंग हेतु कुल 7500 अंक निर्धारित हैं, जिसमें 3000 अंक सर्विस लेवल प्रोग्रेस, 2250 अंक ODF और GFC का प्रमाण-पत्र तथा 2250 अंक जनता की आवाज के लिये निर्धारित किया गया है। 80 प्रतिशत अंक प्राप्त करने पर ही कोई शहर टॉप 10 में जगह बना सकता है। आयुक्त ने उपस्थित अधिकारियों को सर्वेक्षण के सभी बिदुओं की विस्तृत जानकारी दी और कड़ी मेहनत कर शहर को स्वच्छ बनाने हेतु निर्देशित किया। आयुक्त ने बताया की जगदलपुर में लगभग 30000 परिवार, जिसमें 165000 लोग शामिल है, निवास करते हैं। साथ ही प्रति दिन लगभग 25000 लोग विभिन्न कारणों से शहर आते हैं। दशहरा के अवसर पर लगभग 1 लाख अतिरिक्त लोगों का शहर में आना होता है। इस प्रकार स्वच्छता हेतु न केवल शहरवासी बल्कि बाहरी लोगों को भी जागरुक करने की जरुरत है। जगदलपुर के 10000 महिला स्व-सहायता समूह के सदस्य, 25000 विद्यार्थी, 10000 आँगनबाड़ी के बच्चे, निगम के 1100 कर्मचारी, 5 से 10 हज़ार शासकीय कर्मचारी की सहायता तथा लोगों के सहयोग से स्वच्छता का संदेश जनमानस तक बहुत ही आसानी से पहुंचाया जा सकता है। जब तक लोग लापरवाहीपूर्वक कचरा रोड, नाली व अन्य स्थानों में फेंकते रहेंगे तब तक शहर की स्वच्छता में सुधार नहीं होगा। निगम को न केवल बेहतर कचरा प्रबंधन करना होगा, बल्कि विशाल जन जागरण अभियान चलाने की जरुरत है। इसी को ध्यान में रखते हुए 1 दिसम्बर से स्वच्छ सर्वेक्षण-2022(मेरा वार्ड सुन्दर वार्ड पखवाड़ा) चलाया जायेगा, जिसमें वृहत सफाई के अलावा, विशाल जन जागरण गतिविधि और लापरवाहीपूर्वक कचरा फेंकने वालों पर भारी जुर्माना किया जायेगा। प्रतिबंधित प्लास्टिक के उपयोग पर सख्ती से कार्यवाही की जायेगी। इस दौरान अधिकारी कर्मचारियो के द्वारा उदासीनता किये जाने पर तत्काल कार्यवाही की जायेगी।