30-10-2021 13:18:50 .
वेबडेस्क। बीजापुर जिले के धुर नक्सल प्रभावित क्षेत्र इलमिड़ी से निकले बचेली निवासी 'प्रमोद दुर्गम' ने छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग की परीक्षा को क्रेक कर लिया है। जिसके बाद प्रमोद का अकाउंट ऑफिसर बनना लगभग तय हो चुका है। दरअसल आज देर शाम राज्य लोक सेवा आयोग की परीक्षा वर्ष-2020 की अंतिम चयन सूची आयोग द्वारा जारी की गयी। जिसमें दंतेवाड़ा जिले के बचेली में निवासरत् 'प्रमोद दुर्गम' का चयन छत्तीसगढ़ राज्य वित्त सेवा लेखा अधिकारी (अकाउंट ऑफिसर) पद पर हुआ। जिस सूची के प्रकाशित होने के बाद रिश्तेदारों सहित समाज के लोगों व दोस्तों द्वारा बधाईयों का सिलसिला शुरू हो गया।
आपको बताते चले कि 'प्रमोद दुर्गम' का जन्म दंतेवाड़ा जिले के किरन्दुल (बैलाडिला) में हुआ। प्रमोद की प्रारंभिक शिक्षा किरंदुल के डीएवी पब्लिक स्कूल में हुई व भिलाई में स्नातक की शिक्षा 'इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग' में की। पिता 'समैया दुर्गम' के सेवानिवृत होने के बाद परिवार की माली हालत पहले की तरह स्थिर नहीं थी। परिजनों में व्याप्त स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं की वजह से प्रमोद बतौर एनएमडीसी में अप्रेंटिसशिप ट्रेनिंग करते हुए घर पर रहकर ही कॉम्पटीटिव एक्जाम्स की तैयारियों में लग गये। परिवार में बड़े बेटे होने की वजह से जिम्मेदारियां भी प्रमोद पर हावी होने लगी थीं। सारी समस्याओं के बावजूद वर्ष-2017 में प्रमोद हौसले की पोटली लेकर छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग की परीक्षा की तैयारी के लिये बिलासपुर निकल पड़े। लगातार 04 वर्षों के संघर्ष के बाद "अकाउंट ऑफिसर" रूपी सफलता प्रमोद के हाथ लगी। इससे पूर्व भी प्रमोद 03 बार पीएससी मैंस की परीक्षा में सम्मिलित हो चुके हैं। जिसमें पीएससी वर्ष-2019 की परीक्षा में साक्षात्कार में भी सम्मिलित हुए, किंतु कुछ अंको की कमी की वजह से उनका चयन नहीं हो सका।
लगातार निराशा हाथ लगने के बावजूद प्रमोद ने हार नहीं मानी और एक महीने बाद जब पीएससी वर्ष-2020 की परीक्षा का परिणाम घोषित हुआ और प्रमोद एक बार फिर साक्षात्कार के लिए चयनित हुए। इस दौरान उन्होंने अपनी असफलताओं को अपने सफलता की सीढ़ी बनाई और साक्षात्कार में शानदार प्रदर्शन के कुछ दिन बाद चयन सूची जारी हुई। जिसमें बतौर 'अकाउंट ऑफिसर' प्रमोद का चयन हुआ। प्रमोद का ओवरऑल रैंक 129 व कैटेगिरी रैंक 07 रहा। खुशियों के इस परिणाम के बाद प्रमोद सहित परिवार के सदस्य भी भावुक हो उठे। फिर क्या था देखते ही देखते बधाईयों का सिलसिला चालू हो गया। आखिरकार प्रमोद ने साबित कर दिया कि उनके नाम का अर्थ ही "प्रसन्नता, खुशी व हर्ष" है।