@मोहम्मद ताहिर खान बीजापुर। गत 13 नवंबर को आवापल्ली क्षेत्र में नक्सलियों द्वारा गलत रिपोर्टिंग पर पत्रकारों को जान से मारने संबंधित पर्चे फेंके जाने के बाद पत्रकारों द्वारा आयोजित तीन दिवसीय पत्रकार अधिकार मोटरसाइकिल रैली का बुधवार को बीजापुर में समापन किया गया। रैली के दौरान पत्रकारों का दल तीन दिनों तक माओवादियों के मांद व उनके समानांतर सरकार वाले इलाके में सफर कर पोस्टरों के माध्यम से नक्सलियों को यह संदेश देने की कोशिश करता रहा कि पत्रकार लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ है और किसी भी तरह से उनके अधिकारों का हनन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और ना ही गोली और हथियारों के दम पर कलम की ताकत को दबाने की कोशिश करने वालों के साथ कोई समझौता किया जाएगा। चाहे वो पुलिस या फिर नक्सली ही क्यों ना हो। वही दूसरी ओर तीन दिनों के यात्रा के बाद बीजापुर लौटे 22 पत्रकारों के दल ने जहां इस मामले में 15 दिसंबर तक नक्सलियों को कथित पर्चे पर वास्तविकता स्पष्ट करने का अल्टिमेटम दिया है, वही शासन-प्रशासन से भी अपील की है कि अगर यह पर्चा शरारती तत्वों द्वारा फेंका गया हो तो वो भी 15 दिसंबर तक दोषियों का चेहरा उजागर करें। अगर 15 दिसंबर तक इस मामले में दोनों ही ओर से कोई पटाक्षेप नहीं होता है तो दिसंबर महीने में दक्षिण बस्तर पत्रकार संघ के बैनर तले सरकार और नक्सलियों के खिलाफ एक वृहद पदयात्रा नक्सलियों के मांद में पुनः निकाला जाएगा। नक्सलियों द्वारा फेंके गए पर्चों के खिलाफ पत्रकारों द्वारा आयोजित पत्रकार अधिकार यात्रा का आयोजन 24 से 26 नवंबर तक किया गया था। इसका आगाज बीजापुर पत्रकार भवन से जगदलपुर प्रेस क्लब के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष व बस्तर संभाग पत्रकार संघ के सचिव की मौजूदगी में शुक्रवार को बीजापुर के ग्राम देवता चिकटराज मंदिर से पूजा-अर्चना कर किया गया था। 21 पत्रकारों का यह दल बीजापुर से आवापल्ली, बासागुड़ा, पुसवाका, गगनपल्ली, कोण्डापल्ली व कवरगट्टा होते हुए छग के अंतिम छोर धरमारम पहुंचा, जहां दो रात , तीन दिन गुजारने के बावजूद नक्सलियों के ओर से इस मामले में संवाद स्थापित करने या चर्चा करने की कोई कोशिश नहीं की गई। जबकि पत्रकार लगातार ग्रामीणों के माध्यम से नक्सल कमांडरों को खबर भिजवाते रहें। तीन दिनों तक नक्सलियों की ओर से इस मामले में कोई भी पहल ना होता हुआ देख पत्रकारों का दल रविवार को नक्सलियों के इलाके में जगह-जगह नक्सलियों की तर्ज पर पत्रकारों के अधिकारों के हनन के खिलाफ व नक्सलियों द्वारा फेंके गए पर्चों के खिलाफ जिसमें नक्सलियों ने गलत रिपोर्टिंग करने पर पत्रकारों की पत्रकार साईं रेड्डी की तरह तड़पा-तड़पा कर हत्या करने की बात लिखी थी। पत्रकारों ने भी नक्सलियों तक अपना संदेष पहुंचाने उन्हीं का तरीका अपनाते हुए जगह-जगह पर्चे छोड़े। इस अधिकार यात्रा के दौरान बीजापुर के अलावा दंतेवाड़ा, सुकमा, जगदलपुर, रायपुर, कोण्डागांव, नारायणपुर, कोंटा, किरंदुल, बचेली व तेलंगाना के पत्रकार शामिल थे।