@अशफाक अहमद नारायणपुर । जिले में बीते दिनों अबूझमाड़ के जंगलों में हुई मुठभेड़ में पुलिस ने 6 माओवादियों को मार गिराया था इतना नही मौके से पुलिस ने हथियार और भारी मात्रा में माओवादी साहित्य बरामद किए है, जिसमे नेलानार एरिया कमेटी की एक बेलेंस सीट और मस्टर रोल भी बरामद किए है। जिसमे भूमिसमतली कार्य और छोटे माओवादी केंडरो को मेहनताना देने की राशि का भी विवरण है ,ये बैलेंस सीट 30 से 35 लाख की लेंन देन की है ,जिसमे जेल जाने वाले नक्सली के परिवार को सिर्फ और सिर्फ 5000 हजार देने की बात लिखी है इतना नही एक महिला माओ केंडर को एक साल का मेहनताना सिर्फ 10000 रूपए देनी लिखी है जिससे साफ जाहिर होता है की माओवादी समूचे बस्तर में हजार करोड़ की उगाही करते है और हजारो की तादात में दण्डकारणय की लड़ाई लड़ रहे नक्सली कैडरों बहुत कम रुपये देते है ,सवाल यह पैदा होता कि इतनी बढ़ी रकम कहा जाती है और इतनी बड़ी रकम माओवादियो को कहा से मिलती है ,वही बस्तर में सबसे बड़ी माओवादी फंडिंग की जनचर्चा तेंदूपत्ता ठेकेदारों से होती है और दूसरा बड़े फंडिग उगाही बस्तर के माइनिंग खदानों से होती है , कम मेहनताना की बात सरेंडर नक्सली कहते है की बड़े माओवादी केंडर उन्हें बहुत कम मेहताना देते है नेलानार एरिया कमेटी से मिले माओवादी साहित्य में एरिया कमेटी कमांडर के हाथो लिखा एक पत्र भी पुलिस ने बरामद किया है यह पत्र गोंडी भाषा मे लिखा है और माड़ डिवीजन सेकेट्री राजमन मंडावी के नाम लिखा गया है पत्र कुछ महीने पहले सुनील नाम के एक माओवादी के हादसे में मौत होने का जिक्र है सूत्रों की माने तो यह माओवादी रेकी करने काम बखूबी करता था और भेष बदल कर जिले मुख्यालयो में घूमता रहता था सुनील अबूझमाड़ का ही रहने वाला था और कई वर्षो से पुलिस की मूवमेंट की जानकारी बड़े माओवादी केंडरो को देने काम करता था जिसकी मौत टिफिन बम बनाने के दौरान हो गई जिसका हर्जाना उसके परिजनों को नक्सलियो ने महज दस हजार रुपए ही देने का जिक्र पत्र मे लिखा गया है पुलिस को मिले बेलेंस सीट सिर्फ नेलानार एरिया कमेटी के है ,बस्तर में ऐसे कई एरिया कमेटिया और डिवीजन है सिर्फ नारायणपुर जिले की बात की जाए तो जिले में 10 एरिया कमेटी है जिसमे 59 जनताना सरकार के संगठन ,51 जनमिलिशिया ,12 एलओएस ,3 सीआरपीसी ,46 सीएनएम संगठन काम करते है ।