23-09-2021 19:38:00 .
जगदलपुर। ई कामर्स की बड़ी विदेशी कंपनियों पर कानूनों के खुले उल्लंघन का आरोप लग रहा है। इसी बीच खबर आ रही है कि अमेजन ने भारत में अपने वकीलों के जरिए सरकार के अधिकारियों को रिश्वत देने का कार्य किया है। (कैट) के आहान पर देश के 20 हज़ार से अधिक व्यापारिक संगठनों ने इसका विरोध किया है।बस्तर चेम्बर ने भी गुरुवार को जिला कलेक्टर के माध्यम से प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन दिया है। दिए गए ज्ञापन में उन्होंने ई कामर्स नियमों को तुरंत लागू करने की मांग की गई। साथ मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग की है
बस्तर चेम्बर अध्यक्ष किशोर पारख ने बताया कि देश के ई कामर्स व्यापार में मची धांधली को लेकर गुरुवार को अपर कलेक्टर अरविंद एक्का को प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन दिया है इसके माध्यम से मांग की गई है कि अमेजन के वित्तीय दस्तावेज जो पिछले वर्षों में सरकारी विभागों को दिए गए हैं, उनकी फ़ोरेंसिक ऑडिट कराया जाए तथा उपभोक्ता क़ानून के तहत प्रस्तावित ई कामर्स नियमों को लागू करने की पुनः माँग की है। इस कार्यक्रम में देश के 20 हज़ार से अधिक व्यापारी संगठन भाग लेंगे ज्ञातव्य है की ई कामर्स व्यापार में मची धांधली को लेकर कैट 15 सितम्बर से 15 अक्तूबर तक एक महीने का ई कामर्स पर हल्ला बोल राष्ट्रीय अभियान चला रहा है। इसी बीच बस्तर चेम्बर ने आज यह माँग भी की है कीं ऐमज़ान के वकीलों के ज़रिये देश के सरकारी अधिकारियों को रिश्वत दिए जाने वाले मुद्दे पर ऐमज़ान के वित्तीय दस्तावेज जो पिछले वर्षों में सरकारी विभागों को दिए गए हैं उनकी फ़ोरेंसिक ऑडिट कराया जाए जिससे जल्द से जल्द यह पता लग सके की क्या ऐमज़ान के वकीलों के ज़रिए अधिकारियों एवं अन्य लोगों को रिश्वत दीं गई थी या नहीं। उन्होंने यह भी कहा की जिस बड़े पैमाने पर ऐमज़ान ने ई कामर्स व्यापार में कानों और नियमों का उल्लंघन किया है और धांधली की है उसको देखते हुए ऐमज़ान के कर्यकलापों की समग्र जाँच ज़रूरी है और इस हेतु आय कर विभाग, केंद्र के जींएसटी विभाग. सीसीआई, प्रवर्तन निदेशालय, सेबी तथा मिनिस्ट्री ऑफ कारपोरेट अफेयर्स को एक साथ जाँच करनी चाहिए जिससे की सारा मामला साफ़ हो।आगे कहा कि अगर सरकार यह कदम उठाती है तो कुछ लोग एवं संस्थान ऐमज़ान को बचाने के लिए आगे आ सकते हैं और वो ही घिसे पीटे तर्क दोहराएँगे की इससे भारत में विदेशी निवेश को धक्का पहुँचेगा जो नितांत झूठा और भ्रामक है। अब यह सरकार को देखना है की वो इन तर्कों को मान्यता देती है या देश के क़ानून और नियमों की सर्वोचतता को बरकरार रखते हुए दुनिया को संदेश देना है कीं भारत एक संप्रभु देश हैं जहां क़ानून से खिलवाड़ करने वाले लोगों को क़तई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा वो चाहे कितने बड़े ही क्यों न हो । देश के 8 करोड़ व्यापारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत अभियान एवं देश के छोटे व्यापारियों को सर्म्द्ध करने की दिशा में सरकार के साथ मज़बूती से खड़े हैं और किसी भी कम्पनी को ईस्ट इंडिया कम्पनी अब और नहीं बनने देने ने लिए कृत संकल्प है।