23-09-2021 14:51:14 .
जगदलपुर। महिलाएं लगातार ये साबित कर रही है कि वो ठान ले तो हर कार्य संभव है। इन दिनों महिलाएं सीमेंट के खंभे और फेंसिंग जाली, ईट निर्माण कर रही हैं। महिलाएं इस स्वरोजगार से खुद को सक्षम बनाएंगी और दूसरी महिलाओं को इस व्यवसाय के लिए प्रेरित करेंगी। अब तक सीमेंट पोल व जाली बनाने के लिए महिलाएं आगे नहीं आई थीं, लेकिन बस्तर वन मंडल के अंतर्गत स्व-सहायता समूह आसना, सिद्धी स्व-सहायता समूह तथा जय भवानी आदि स्व-सहायता समूहों की महिलाओं ने व्यवसाय करने मन में ठानी और काम शुरू भी कर दी हैं। वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के वृत्त स्तरीय चक्रीय निधि से प्राप्त राशि स्व-सहायता समूहों को आगे बढ़ने के लिए अच्छी सुविधा हो गई है। इसके तहत प्रदत्त राशि का लाभ उठाते हुए बस्तर वन मंडल के अंतर्गत स्व-सहायता समूह आसना, सिद्धी स्व-सहायता समूह तथा जय भवानी आदि स्व-सहायता समूहों की महिलाओं में नई आस और विश्वास का संचार हो रहा है। वर्ष 2021-22 में वृत्त स्तरीय प्रदाय चक्रीय ऋण से चित्रकोट परिक्षेत्र के सिद्धी स्व-सहायता समूह द्वारा अब तक कुल 30 हजार नग सीमेंट ईंट का निर्माण कार्य करवाया गया, जिसमें से 20 हजार सीमेंट ईंट का विक्रय हो चुका है। इसमें हो रही आमदनी के फलस्वरूप समूह द्वारा चक्रीय निधि से प्राप्त 10 लाख रुपए की राशि में से 20 हजार रुपए की अदायगी भी किया जा चुका है। इसी तरह वर्ष 2021-22 में ही चक्रीय ऋण से प्राप्त राशि का उपयोग करते हुए बकावण्ड परिक्षेत्र के स्व-सहायता समूह आसना द्वारा अब तक 800 नग सीमेंट फेंसिंग पोल्स का निर्माण करवाया गया है। उक्त समूह द्वारा चक्रीय निधि से प्राप्त राशि 5 लाख रुपए में से 24 हजार रुपए की अदायगी कर दिया गया है।
वन मंडलाधिकारी स्टायलो मंडावी ने बताया कि इसके अलावा वर्ष 2020 से बस्तर वन मंडल अंतर्गत जय भवानी स्व-सहायता समूह द्वारा चक्रीय निधि की राशि का उपयोग कर सीमेंट फेंसिंग पोल का निर्माण किया जा रहा है। समूह द्वारा अब तक 01 हजार पोल का निर्माण किया जा चुका है। जिसमें से 600 पोल का विक्रय 170 रुपए प्रति पोल के मान से एक लाख 2 हजार रुपए की राशि से किया गया है। इन समूहों को चक्रीय निधि के तहत उपलब्ध राशि से अपने-अपने गतिविधियों के संचालन में अच्छी सुविधा उपलब्ध हो गई है।