Jdp, 16-01-2024 14:36:31 .
रविश परमार जगदलपुर। इनदिनों जेल विभाग के रवैये से पुलिसकर्मी परेशान चल रहे है। पुलिस विभाग द्वारा विभिन्न मामले के आरोपियों को कोर्ट के समक्ष पेश करने के बाद गिरफ्तारी वारंट के तहत उसे जब जेल दाखिले के लिए ले जाया जाता है। इस दौरान जेल पुलिस द्वारा दस्तावेज देखने दूसरे कैदी की रिहाई व अन्य बातों का हवाला देते हुए पुलिस को घंटो बाहर खड़ा किया जाता है। सोचिए उस पुलिस की मानसिक व शारिरिक स्थिति क्या होती होगी जो पहले घंटो जूझकर आरोपियों का स्वास्थ्य परीक्षण करवाता है इसके बाद घंटो जूझकर उसे जेल दाखिला।
पुलिस विभाग के एक पीड़ित कर्मचारी ने नाम नही छापने के शर्त पर बताया कि बस्तर के समस्त थाना चौकी से जब भी किसी व्यक्ति की गिरफ्तारी कर माननीय न्यायालय पेश करने के बाद वारंट बनता है तो पुलिस द्वारा आरोपी का मेडिकल परीक्षण करने के बाद केंद्रीय जेल जगदलपुर ले जाया जाता है जहां जेल विभाग अलग रवैया चालू होता है जहां अनावश्यक रूप से आरोपी व पुलिस को 3 से 6 घंटे तक बिठाया जाता है कारण पूछने पर कभी लाकर तो कभी रिहाई तो आदि के बारे में बताया जाता है। साथ ही जेल पहरी, मुंशी कुछ भी पूछने पर स्टाफ को स्पष्ट जवाब नहीं देते ऐसे में आप खुद ही विचार कीजिये की उस पुलिसकर्मी की मानसिक स्थिति क्या होती होगी।